ये आन्दोलन नही, प्रयोग है ? इन तथाकथित किसानों को भी एक दिन पश्चाताप करना होगा – गुरुजी भू

तरंग: नई दिल्ली: गुरुजी भू

मैं बहुत पहले से कह रहा हूं कि इस देश में तरह तरह के आंदोलनों के द्वारा प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रयोग इतने सटीक तरीके से किए जा रहे हैं कि जनमानस, भोला-भाला जनमानस जनता जिसे कहते हैं अर्थात जनता जनार्दन भोला मानस जो भी है वह उसको चक्कर में फस कर ऐसा सोचता है कि आंदोलन मेरे लिए हो रहा है।

आजकल नया आंदोलन किसानों के नाम पर हो रहा है कभी 370 का विरोध कवि सीए का विरोध कभी दिल्ली में दंगे कभी यूपी में दंगे दंगों को समर्थन और टुकड़े गैंग के समर्थन सब जगह मिलता रहता है ठीक उसी तरीके से आज किसानों का आंदोलन चल रहा है और किसानों में भी वही सब लोग देख रहे हैं जो किसान है वह अपने खेतों में कार्यरत है अपने खेतों में काम कर रहा है अपने घर को संभाल रहा है और खुश है इन सभी कानूनों से लेकिन मुट्ठी भर चंद लोग किसानों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने वाले जो राजनीति में पूरी तरह क्लॉथ हो चुके हैं जो कोई भी चुनाव लड़े तो सही पार्टियों के दम पर लेकिन जीत नहीं पाए तो उनकी खींच अब किसानों के नाम पर निकलते जा रहे हैं इसलिए इस तरह के लोगों से हमें सचेत रहना होगा और आज जो लोग यह सोच रहे ए हैं कि यह किसानों का आंदोलन है तो वह इन सर यंत्र काली शक्तियों में फस चुके हैं। इसके पीछे कुछ षड्यंत्रकारी शक्तियां काम कर रही हैं, जो इस बात से परेशान है कि इस देश में यह वर्तमान सरकार इतने अच्छे और सटीक कार्य कैसे कर पा रही है। जो इस बात से परेशान हैं कि यह सारा देश मजबूत क्यों होता जा रहा है। जो इस बात से परेशान हैं कि किसान इतना समृद्ध क्यों होता जाए? तो तरह तरह के आंदोलनों द्वारा देश को तोड़ने का पूरा षड्यंत्र किया जा रहा है। जिन लोगों को इसमें पीड़ा है, जिन लोगों को इससे परेशानी है वह लोग धनाड्य है। वह लोग दलाल हैं। वह लोग किसानों का खून चूस कर बड़े बने हैं। और आज वह इस आंदोलन को पोषित कर रहे हैं। इसमें कुछ विदेशी ताकतें भी हैं। क्योंकि विदेशी ताकतों के द्वारा ही यह पोषित हो रहा है। देश को तोड़ने की साजिश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही की जाती हैं। आज देश में किसानों के नाम पर ये षड्यंत्र हो रहा है। किसानों के कंधे पर रखकर जो षड्यंत्र कारी बंदूक चला रहे हैं, यह देश के लिए बहुत ही घातक होने वाला है। यह किसान जो आज इस आंदोलन में है यह किसान 1 दिन पश्चाताप के आंसू रोएंगे। और उनके बच्चे इनको कभी क्षमा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि इसके पीछे का जो षड्यंत्र है वह बहुत गहरा है। वह हम सब को अत्यंत ही हानिकारक होगा। ये षड्यंत्र हमें अत्यंत ही हानि पहुंचाने वाला है। हमारे लिए हमारे शत्रुओं को बढ़ावा देने वाला है। और अब तो स्पष्ट हो चुका है कि यह आंदोलन किसानों का नहीं है। यह सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा उकसाया हुआ था। जिनके चेहरे अब बेनकाब हो चुके हैं और अब इन चेहरों को पहचानना होगा। देश में पहली बार कोई  सरकार जो अच्छा काम कर रही है उस सरकार को यह निरंतर परेशान कर रहे हैं। क्योंकि कुछ और देश को मजबूत करने वाले कानून आने वाले हैं। इन कानूनों के द्वारा देश मजबूत होगा और जो खोखले राजनीति कर रहे थे। जो देश को तोड़ने की राजनीति कर रहे थे जो टुकड़े गैंग के सरगना थे। उन सब लोगो की अब बिलों में छिपने की बारी थी उनकी पर अब वह किसानों की आड़ में खड़े हैं इसलिए यह आंदोलन बहुत ही भयंकर स्थिति में पहुंच गया है। यह आन्दोलन अब राजनीतिक दलों के हाथ में है। वामपंथियों के हाथ में है। देश के टुकड़े गैंग के हाथ में है। इसलिए किसानों के बच्चेंं इसमें नहीं आ रहे हैं। अब उनको जबरदस्ती लाया जा रहा है। इस गहरें षड्यंत्र को अब समझना होगा। यह किसानों को समझना होगा। भोले किसानों को समझना होगा क्योंकि यह धनाढ्य नेता तो गरीबों के बच्चों को मरवा देंगे और इनका कुछ नहीं बिगड़ेगा जरा सोचिए किसानों के लिए सरकार ने कितने कार्य किए हैं।

सोचने वाली बात है?
अब बोलने की बारी किसकी ?

1― बीज खरीदने के लिए सब्सिडी।
2― कृषि उपकरण खरीदने के लिए सब्सिडी।
3― यूरिया (खाद) खरीदने के लिए सब्सिडी।
4― ट्रेक्टर ट्रोली खरीदने पर सब्सिडी।
5― पशुधन खरीदने पर सब्सिडी।
6― खेती पर लगने वाले अन्य खर्च के लिए सब्सिडी युक्त कर्ज।
7― किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज।
8― जैविक खेती करने पर सब्सिडी।
9― खेत में डिग्गी बनाने हेतू सब्सिडी।
10― फसल प्रदर्शन हेतू सब्सिडी।
11― फसल का बीमा।
12― सिंचाई पाईप लाईन हेतू सब्सिडी।
13― स्वचालित कृषि पद्धति अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी।
14― जैव उर्वरक खरीदने पर सब्सिडी।
15― नई तरह की खेती करने वालो को फ्री प्रशिक्षण।
16― कृषि विषय पर पढ़ने वाले बच्चों को अनुदान।
17― सोलर एनर्जी के लिए सब्सिडी।
18― बागवानी के लिए सब्सिडी।
19― पंप चलाने हेतु डीजल में सब्सिडी।
20― खेतो में बिजली उपयोग पर सब्सिडी।

इसके अलावा

21― सूखा आए तो मुआवजा।
22― बाढ़ आए तो मुआवजा।
23― टिड्डी-कीट जैसे आपदा पर मुआवजा।
24― सरकार बदलते ही सभी तरह के कर्ज माफी।
25― सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए अनेकों और तरह की योजनाएं बनाई है, जिसमें डेयरी उत्पाद मत्स्य पालन बागवानी फल व सब्जी पर भी अनेकों प्रकार की सब्सिडी दे रही है।

और इसके अलावा

26― इन्हीं से 20 रुपए किलो गेहूं खरीद कर 2 रुपए किलो में इन्हें दिया जा रहा है।
27― पक्के मकान बनाने के लिए 3 लाख रुपए तक सब्सिडी दी जा रही है।
28― शौचालय निर्माण फ्री में किया जा रहा है।
29― घर पर गंदा पानी की निकासी के लिए होद फ्री में बनवाई जा रही है।
30― साफ पीने का पानी फ्री में दिया जा रहा है।
31― बच्चों को पढ़ने खेलने व अन्य तरह के प्रशिक्षण फ्री में करवाए जा रहे हैं।
32― साल के 6000 रुपए खाते में फ्री में आ रहे हैं।
33― तरह-तरह की पेंशन वगैरा आ रही है।
34― मनरेगा में बिना कार्य किए रुपए दिए जा रहे हैं।

अगर उसके बावजूद भी इस देश के किसानों को सरकार से अपना हक नहीं मिल रहा तो शायद कभी नहीं मिलेगा।

पहले जो किसान साधारण जीवन यापन करता था , आज भगवान की कृपा और सरकारी सहायता की बदौलत लाख गुणा अच्छा जीवन जी रहा हैं ! गाँवो में आलीशान पक्के मकान , बंगले , टू व्हीलर , फोर व्हीलर , सभी भौतिक सुख सुविधाएं उपलब्ध हैं !

एक निगाह उन मजदूरों, छोटे रेहड़ी वालों, छोटे व्यवसायियों, वकीलों, पढ़े-लिखे बेरोजगारों, ड्राईवरों, कचरा बीन कर पेट पालने वालों पर डालो आत्महत्या तो यह लोग भी कई बार कर लेते हैं मजबूरियों में।

रोज नई नई समस्या से जूझते हैं, रोज रोज मरते हैं परन्तु कभी भीड़ इकट्ठी कर देश के कानून को बंधक बनाया नहीं l
बुरा लगा तो माफ करना लेकिन सच्चाई यही है किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति की जा रही है जो सच्चे किसान है उनको पता है सरकार बहुत कुछ दे रही है !

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