नई दिल्ली –
दिल्ली बजट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता व डाक्टर आनंद शुक्ला ने कहा कि दिल्ली का 2021-22 बजट पेपरलेस नही, आंकड़ों की बाजीगारी वाला विजनलेस बजट है जिसमें अरविन्द केजरीवाल ने सपने दिखाने की कोशिश है, परंतु सपने रंगहीन है। उन्होंने एक शब्द में कहा कि बजट खोखला और दिशाहीन है।
डाक्टर आनंद शुक्ला ने कहा कि कुल 69000 करोड़ का बजट जो वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने पेश किया उसमें केपिटल एक्पेन्डीचर की कमी है। दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर जिसमें सड़के,पूल, स्कूल, अस्पताल आदि विकास कार्य आते है उसके कुल बजट का 34 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत कर दिया। उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि दिल्ली का फिसकल डेफीसिट देश के सबसे खराब 4 प्रदेश में से एक है।
आनंद शुक्ला ने कहा कि आज बजट में दिल्ली में युवाओं को रोजगार देने और कोविड महामारी लॉकडाउन के दौरान आर्थिक अस्तित्व खो चुके छोटे और मझले व्यापारियों को स्थिति से उभारने के लिए एक शब्द तक नही कहा। उन्होंने कहा आज दिल्ली में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत है, जो अब तक सबसे अधिक है।
आनंद शुक्ला ने दिल्ली सरकार से दिल्ली के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिए जाने और छोटे-मझले व्यापारियों को आर्थिक सहायता देने के लिए विशेष राहत पैकेज देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार ने बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए पिछले वर्ष के 33.93 करोड़ से कम करके 19.83 करोड़ कर 42 प्रतिशत की कटौती कर दी।
कांग्रेस नेता आनंद शुक्ला ने कहा कि बजट में शराब की बिक्री से 6000 करोड़ राजस्व अर्जित करने की योजना केवल दिल्ली के युवाओं को नशे की ओर धकेलने का काम है। 2013-14 में शराब की बिक्री पर राजस्व 3125 करोड़ जिसे दिल्ली सरकार की कमेटी ने 7165 करोड़ करने की योजना बनाई है।
आनंद शुक्ला ने कहा कि बजट में फिर एक बार 1000 नई बसें और 1300 इलेक्ट्रिक बसें लाने की घोषणा सिर्फ पिछले 6 वर्षों की तहर घोषणा बनकर रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक चार्जिग स्टेशनों के अलावा प्रदूषण कम करने की दिशा में कोई प्रावधान नही किए है, जबकि दिल्ली दुनिया में अत्यधिक प्रदूषण वाले प्रदेशों की श्रेणी में शिखर पर है।