मुंगेर: अब जिला के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप में पका हुआ अनाज के बदले पोषण युक्त लड्डू मिलेगा। इस पोषाहार का गुरुवार को प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने ऑनलाइन माध्यम से पूरे प्रदेश में उदघाटन किया।
सेविका खुद से बनाएंगी लड्डू, जो बच्चों के लिए होगा सुपाच्य और रूचिपूर्ण:
मुंगेर ग्रामीण की सीडीपीओ सुष्मिता ने बताया कि पहले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप आंगनबाड़ी केंद्रों पर पका हुआ भोजन, जैसे – खिचड़ी, दलिया, हलवा सहित अन्य भोजन मिलता था।
किन्तु, अब बच्चों को सेविका- सहायिका के हाथों तैयार किया हुआ पोषण लड्डू के साथ-साथ सत्तू लड्डू मिलेगा।
सप्ताह में तीन दिन सत्तू लड्डू मिलेगा जिसे सत्तू के साथ- साथ मूँगफली, शुद्ध घी, गुड़ (शक्कर) के संयुक्त मिश्रण से तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा सप्ताह के बांकी तीन दिन पोषण युक्त लड्डू मिलेगा जिसमें गेंहू का आटा, मड़ुआ, बिना छिलके वाली मूँग दाल, उसना चावल, घी के साथ गुड़ के संयुक्त मिश्रण से बनाया जाएगा जो बच्चों के लिए ना सिर्फ उचित पोषाहार होगा बल्कि, सुपाच्य और रूचिपूर्ण भी होगा। यह कुपोषण की समस्या का स्थाई समाधान होगा।
पोषण ट्रैकर एप के माध्यम होगी आंगनबाड़ी केंद्रों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग:
मुंगेर ग्रामीण कि सीडीपीओ सुष्मिता ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत निगरानी के साथ ही मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया को अपग्रेड किया जा रहा है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर के नाम से एक ऑनलाइन एप विकसित किया है। इसके माध्यम से जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में आसानी होगी।
जिला के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सफल संचालन की जानकारी देने के लिए लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी:
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए अब इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी की जा रही है ताकि आईसीडीएस के स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन कि प्रक्रिया को और भी अधिक सुविधाजनक और सरल बनाया जा सके।
इसके लिए राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर एप की शुरुआत की है। इस एप के सफल संचालन के बारे में सेविकाओं को जानकारी देने के लिए जिले के प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
इसके लिए प्रखंडों में सेविकाओं की दो से तीन बैच बनाकर ऑफलाइन एप के सफल संचालन और अन्य आवश्यक जानकारियां दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि जिला के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को पहले ही स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रशिक्षकों के द्वारा सेविकाओं के स्मार्ट फोन में पोषण ट्रैकर एप डाऊनलोड करने और उसका उपयोग करने की जानकारी दी जा रही है।
वहीं, उन्होंने बताया, सेविकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता को लेकर विभाग ने सभी पंचायत में निगरानी का जिम्मा उस प्रखंड की सीडीपीओ को दिया है।
ताकि वो प्रशिक्षण स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन कर सके कि सेविकाओं ने अपने स्मार्ट फोन में एप को डाउनलोड किया या नहीं।
एप के प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर सेविकाओं के द्वारा दी जा रही सभी पोषण गतिविधियों की जानकारी पोषण ट्रैकर एप पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी।
इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। एप के द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती-धातृ महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी, टीएचआर का वितरण, बच्चों के ग्रोथ की मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी दर्ज करेंगी।
कोरोना टीकाकरण महाअभियान में होकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका वैक्सीन के प्रति लोगों को कर रही है जागरूक:
मुंगेर ग्रामीण सीडीपीओ सुष्मिता ने बताया कि कोरोना टीकाकरण महाअभियान में शामिल होकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका घर- घर जाकर सभी आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन के पूरी तरह से सुरक्षित और सौ फीसदी तक प्रभावी होने की जानकारी देते हुए वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित भी कर रही है।
वो लोगों को बता रही है कि खुद के साथ अपने परिवार और अपने समाज को कोरोना संक्रमण से बचाए रखने के लिए सभी लोग अनिवार्य रूप से कोरोना वैक्सीन कि दोनों खुराक लें। इसके बाद ही मुंगेर को पूरी तरह से कोरोना मुक्त किया जा सकता है।