खगड़िया: कुपोषण की समस्या को पूरी तरह जड़ से मिटाने एवं कुपोषणमुक्त समाज निर्माण को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह सजग और कटिबद्ध है।
इसको लेकर ऑगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप मिलने वाले पके भोजन के बदले पोषणयुक्त लड्डू देने का निर्णय लिया गया है। इस पोषाहार का जिला में भी शुभारंभ कर दिया गया है।
ऑगनबाड़ी केंद्रों पर ही बनाया जाएगा लड्डू, बच्चों को मिलेगा उचित उचित तो कुपोषण की समस्या होगी दूर:
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सह गोगरी सीडीपीओ नीना सिंह ने बताया, पोषण युक्त लड्डू की खरीद बाहर से नहीं होगी।
बल्कि, ऑगनबाड़ी केंद्रों पर ही खुद सेविका एवं सहायिका मिलकर अपने हाथों से तैयार करेंगी और बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप यही तैयार लड्डू खिलाएंगी।
वहीं, उन्होंने बताया, पहले बच्चों को दैनिक पोषाहार के रूप ऑगनबाड़ी केंद्रों पर पका भोजन, जैसे – खिचड़ी, दलिया, हलवा समेत अन्य भोजन मिलता था।
किन्तु, अब बच्चों को इसके बदले सेविका-सहायिका के हाथों तैयार किया हुआ पोषणयुक्त लड्डू मिलेगा।
लड्डू सत्तू के साथ मूँगफली, शुद्ध घी, गुड़ (शक्कर) के संयुक्त मिश्रण से तैयार किया जाएगा। जो बच्चों के लिए ना सिर्फ उचित पोषण होगा। बल्कि, सुपाच्य और रूचिपूर्ण भी होगा। कुपोषण की समस्या का स्थाई समाधान होगा।
पोषण ट्रैकर एप के माध्यम होगी ऑगनबाड़ी केंद्रों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग:
आईसीडीएस के एनएनएम के जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, राज्य सरकार के द्वारा आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत निगरानी के साथ ही मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया को अपग्रेड किया जा रहा है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर के नाम से एक ऑनलाइन एप विकसित किया है। इसके माध्यम से जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में आसानी होगी।
जिला के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप के सफल संचालन की जानकारी देने के लिए जिले में लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
जिले के सभी सेविकाओं को पूर्व में ही उपलब्ध कराया जा चुका है स्मार्ट फोन:
आईसीडीएस के एनएनएम के जिला परियोजना सहायक चंदन कुमार ने बताया, जिले के सभी ऑगनबाड़ी सेविकाओं को पहले ही स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जा चुका है।
प्रशिक्षकों के द्वारा सेविकाओं के स्मार्ट फोन में पोषण ट्रैकर एप डाऊनलोड करने और उसका उपयोग करने की जानकारी दी जा रही है।
सेविकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता को लेकर विभाग ने सभी पंचायत में निगरानी का जिम्मा उस प्रखंड की सीडीपीओ को दिया है।
ताकि वो प्रशिक्षण स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन कर सके कि सेविकाओं ने अपने स्मार्ट फोन में एप को डाउनलोड किया या नहीं।
एप के प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर सेविकाओं के द्वारा दी जा रही सभी पोषण गतिविधियों की जानकारी पोषण ट्रैकर एप पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी।
इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। एप के द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती-धातृ महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी, टीएचआर का वितरण, बच्चों के ग्रोथ की मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी दर्ज करेंगी।
इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर:
– मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
– अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें और भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
– विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
– बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
– लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।
– साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सेनेटाइजर का उपयोग करें।