चलने में थे असमर्थ, इलाज हुआ तो हो गए पूरी तरह से ठीक

भीखनपुर के भट्ठा रोड के रहने वाले प्रदीप कुमार राय ने टीबी को दी मात
टीबी के लक्षण दिखे तो नजदीकि सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं

भागलपुर, 27 जुलाई-

भीखनपुर भट्ठा रोड के रहने वाले प्रदीप कुमार राय एक साल पहले गंभीर तौर पर बीमार पड़े। कमजोरी इतनी हो गई कि चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगी। पहले तो इन्होंने मेडिकल दुकान से दवा लेकर खाई, लेकिन ठीक नहीं हुए। आखिरकार सदर अस्पताल जांच कराने के लिए पहुंचे तो टीबी की पुष्टि हुई। इसके बाद उनका इलाज शुरू हुआ। 15 जून तक इलाज चला। अब वह ठीक हैं। उन्हें कोई परेशानी नहीं है। 54 वर्षीय प्रदीप कुमार राय मंगलवार को जनआंदोलन थीम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ अपना अनुभव साझा (शेयर) कर रहे थे। इस दौरान केयर इंडिया और कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
इतना कमजोर हो गया था कि 10 कदम चलने के बाद रिक्शा या ऑटो का सहारा लेना पड़ता-
अपना अनुभव शेयर करते हुए 54 वर्षीय प्रदीप कुमार राय कहते हैं कि मैं इतना कमजोर हो गया था कि 10 कदम चलने के बाद रिक्शा या ऑटो का सहारा लेना पड़ता था। एक दिन कोरोना जांच कराने के लिए सदर अस्पताल गए तो सोचा कि सामान्य स्वास्थ्य जांच भी करा लूं। जांच में टीबी होने की पुष्टि हुई। इसके बाद मेरा इलाज शुरू हुआ। इस दौरान में डॉ. अभिषेक चक्रवर्ती के पास भी गया, लेकिन उन्होंने मुझे सलाह दी कि आप सरकारी अस्पताल से इलाज कराएं। वहां पर आपका मुफ्त इलाज होगा। दवा भी मुफ्त मिलेगी। इसके बाद मैं वापस सदर अस्पताल गया और वहां पर अपना इलाज शुरू करवाया।
ठीक होने तक पांच सौ रुपये महीने आते रहेः
प्रदीप कहते हैं कि जब मेरा इलाज शुरू हुआ तो प्रत्येक महीने मेरे खाते में 500 रुपये आते रहे। जब मैं पूरी तरह से ठीक हो गया और दवा लेना बंद कर दिया तो तब जाकर पैसे आने बंद हुए। मैं लोगों से यही अपील करता हूं कि अगर टीबी के लक्षण नजर आए तो तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। जांच में अगर टीबी होने की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल इलाज शुरू कर दें। किसी तरह का संकोच नहीं करें। सरकारी अस्पताल में दवा बिल्कुल मुफ्त मिलती है। साथ ही 500 रुपये महीने का भी।
एक व्यक्ति से 10 लोग हो सकते हैं संक्रमितः
सीडीओ डॉ. दीनानाथ कहते हैं कि टीबी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तत्काल इलाज शुरू करें। अगर आप जल्द इलाज शुरू नहीं करते हैं तो आपसे दूसरों में संक्रमण फैलेगा। एक टीबी के मरीज से 10 लोग संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति इलाज नहीं करवाता है तो उसका परिणाम नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप किसी दूसरे में भी टीबी के लक्षण देखते हैं तो उसे तत्काल इलाज के लिए प्रोत्साहित करें। टीबी के मरीज को देखकर भागें नहीं, उसे इलाज के लिए कहें। टीबी अब छुआछूत की बीमारी नहीं रही। इसलिए टीबी के मरीज को देखकर उसे तत्काल नजदीकी सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भेजें।

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