- एमडीए कार्यक्रम कि सफलता के लिए जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के द्वारा सीफार के सहयोग से हुआ मीडिया कार्यशाला का आयोजन
- फाइलेरिया कि रोकथाम के लिए 20 सितंबर से 14 दिनों तक चलेगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
- एमडीए कार्यक्रम कि सफलता के लिए जिला भर में बनाई गई हैं कुल 713 टीम जो लोगों को खिलाएगी डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा
मुंगेर, 18 सितंबर 2021 : फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 20 सितंबर से मुंगेर में एमडीए( सर्वजन दवा सेवन) कार्यक्रम चलेगा। जिसमें 14 लाख 64 हजार 378 लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा । उक्त बातें शनिवार को मुंगेर स्थित क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के द्वारा सीफ़ार( सेंटर फ़ॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुंगेर के सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक ने कही। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर से 14 दिनों तक चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला भर में कुल 713 लोगों की टीम लगी हुई है जो अपने सामने लोगों को डाई इथाइल थर्मा मैगजीन (डीईसी ) और एल्बेंडाजोल की दवा खिलाएगी। इस टीम में कुल 958 आशा कार्यकर्ता, 205 आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, 203 वोलेंटियर और 73 सुपरवाइजरों की टीम शामिल है। ये लोग प्रतिदिन कम से कम 60 से 100 घरों का भ्रमण कर अपने सामने सभी लोगों फाइलेरिया से उन्मूलन के लिए दवा खिलाएगी।
कार्यशाला में आये हुए मीडिया कर्मियों को सम्बोधित करते हुए जिला के वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोलिंग ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ग्रामीण स्तर पर जुटी आशा कार्यकर्ता ,आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि आप लोगों के ही सहयोग से यह अभियान सफल हो सकता है। इसलिए आप सभी लोग पूरी जिम्मेदारी से लोगों को अपने सामने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए डीईसी और एल्बेंडाजोल कि दवा खिलाएं। उन्होंने बताया कि 2 से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी और एल्बेंडाजोल कि दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि 2 से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे को डीईसी 100 एमजी की एक गोली, 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को डीईसी 200 एमजी कि दो गोली , 15 से अधिक उम्र आयु। वर्ग के लोगों को डीईसी 300 एमजी कि तीन गोली के साथ ही प्रत्येक आदमी को एल्बेंडाजोल गोली कि 400 एमजी खिलानी है।
फाइलेरिया के प्रति जागरूकता जरूरी :
आईसीडीएस कि डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया के लिए जागरूक करने में मीडिया की सशक्त भूमिका होती है। 20 सितंबर से सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आशा व आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर मुफ्त दवा खिलाया जाएगा। लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयं और अपने परिवार को फाइलेरिया से सुरक्षित करना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा और आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। इस अवसर पर केयर इंडिया के डीपीओ मानस कुमार, जीविका के डीपीएम रितेश कुमार, जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के डीपीएम नसीम रजि और केयर इंडिया के प्रतिनिधि राकेश कुमार मौजूद थे।
ध्यान रखने योग्य जानकारी :
- खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है।
- दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है।
- एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।
- फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए अपने घरों के आसपास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
मालूम हो कि फाइलेरिया का दवा सेवन करने के बाद सामान्य साइड इफेक्ट्स होने से घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं लेकिन ये साइड इफेक्ट्स सामान्य होते हैं हैं जो प्राथमिक उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं।