नई दिल्ली।
बचपन की इच्छा। युवाओं की चाहत और सपने को पूरा करने की चाहत की कोई उम्र नहीं होती है। जब आप शुरूआत करें, तभी आपको मंजिल मिलेगी। हां, इसके लिए आपको अनुशासन के साथ खुद को समर्पित करना होगा। फैशन की दुनिया में एक उभरता हुआ नाम है डॉ श्वेता रामकृष्ण का। हाल ही में इन्हें डैज़ल मिसेज इंडिया इंटरनेशनल 2021 के रूप में ताज पहनाया गया है। डैज़ल मिसेज इंडिया इंटरनेशनल 2021-.2022 क्वीन के रूप में जिम्मेदारी संभालने के लिए ये खुद को भाग्यशाली मान रही है।
एक सैन्य परिवार से जुड़ाव और उसके बाद रैम्प पर कैटवॉक करना कितना मुश्किल होता है ? डॉ श्वेता कहती हैं कि जब आपने ठान लिया हो और पूरे परिवार का साथ मिलता है, तो मंजिल मुश्किल नहीं होती है। हां, आपको कोई मेंटर चाहिए। सही रास्ता दिखाने वाला चाहिए। मुझे पारिसा कम्युनिकेशन के बारे में जानकारी मिली और सौभाग्यशाली हूं कि डैजल मिसेज इंडिया इंटरनेशनल का ताज मेरे माथे पर सजा।
अपने बारे में बताते हुए डॉ श्वेता कहती हैं कि यूं तो मुंबईकर हैं, लेकिन पूरा देश अपना है। एक सैन्य अधिकारी की पत्नी और एक खूबसूरत बेटी की मां बनने के बाद भी मेरी इच्छा थी कि रैम्प पर वॉक करूं। खुशी है कि यह सपना पूरा हुआ। अब मैं पूरी दुनिया घूमना चाहती हूं। देश के लोगों के लिए विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में गुणवत्ता सुधार के लिए यात्रा अभी भी जारी है। एक प्रशिक्षित स्तर 4 भरतनाट्यम नर्तक और कोरियोग्राफर, राज्य और राष्ट्रीय खो खो और टेबल टेनिस विजेता, स्कूपा डाइविंग और कार रेसिंग जैसे साहसिक खेल मुझे एक एड्रेनालाईन उच्च देते हैं।