लक्ष्य की टीम ने सदर अस्पताल की व्यवस्था को परखा

-लेबर रूम और ओटी का लिया जायजा, कर्मियों से ली जानकारी
-राज्यस्तरीय टीम के आकलन के मुताबिक व्यवस्था को देखा
भागलपुर, 22 नवंबर
लक्ष्य की केंद्रीय टीम ने सोमवार को सदर अस्पताल का जायजा लिया। दिल्ली से नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर (एनएचएसआरसी) की टीम ने लेबर रूम और ऑपरेशन थियेटर (ओटी) की व्यवस्था को देखा। दिल्ली से आईं डॉ. श्वेता चोपड़ा और श्रीमती जीना प्रदीप ने लेबर रूम और ओटी जाकर खुद से सभी व्यवस्था को देखा। वहां पर तैनात कर्मियों से व्यवस्था की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि दिल्ली से आई टीम सदर अस्पताल की व्यवस्था से संतुष्ट दिखी। मालूम हो कि कुछ दिन पहले लक्ष्य की राज्यस्तरीय टीम ने भी सदर अस्पताल का जायजा लिया था। यहां की व्यवस्था से संतुष्ट होकर लेबर रूम को 91 और ओटी को 93 प्रतिशत अंक दिया था। 2019 से लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। उस साल लेबर रूम को 27 और ओटी को 30 प्रतिशत अंक मिले थे। महज दो साल में अंकों में इतना बड़ा उछाल यह बताता है कि अस्पताल में मरीजों की इलाज की व्यवस्था बेहतर हुई है। लेबर रूम और ओटी में सभी कुछ पटरी पर आ गई है।
सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि दिल्ली से आई टीम ने अस्पताल की व्यवस्था को देखा। सभी चीजों के बारे में जाना और कर्मियों से भी जानकारी ली। लेबर रूम और ओटी में जाकर एक-एक चीज को देखा। उम्मीद है कि जिस तरह से राज्य की टीम यहां की व्यवस्था से संतुष्ट हुई, उसी तरह केंद्र की टीम भी संतुष्ट हुई होगी। हमलोगों को उम्मीद है कि इस बार कायाकल्प की ही तरह लक्ष्य कार्यक्रम के तहत भी अस्पताल को जरूर पुरस्कार मिलेगा। निरीक्षण के दौरान केयर इंडिया के डीटीओ फैसिलिटी डॉ. राजेश मिश्रा, डीपीएम फैजान आलम अशर्फी, सदर अस्पताल के मैनेजर डॉ. जावेद मंजूर करीमी और लेखापाल आदित्य भी मौजूद थे।
बेहतर रैंक मिलने पर मिलेगा पुरस्कारः लक्ष्य की रैंकिंग में अगर सदर अस्पताल को बेहतर रैंक मिलती है तो दिल्ली में पुरस्कार मिलेगा। साथ ही ठीकठाक राशि भी मिलेगी। मालूम हो कि लक्ष्य कार्यक्रम के तहत प्लेटिनम, गोल्डन और सिल्वर रैंक मिलती है। तीनों ही रैंक मिलने के बाद प्रमाण पत्र के साथ एक निश्चित राशि सदर अस्पताल को सरकार की ओर से दी जाती है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रतिदिन प्रति बेड के हिसाब से भी एक निश्चित राशि मिलती है। अस्पताल को यह व्यवस्था तीन साल तक मेंटेन करनी होगी। तीन साल तक लगातार सभी तरह की सुविधा अस्पताल को मिलती रहेगी।
कायाकल्प में सूबे में मिला है दूसरा स्थानः सदर अस्पताल में इलाज समेत अन्य व्यवस्थाएं लगातार बेहतर होती जा रही हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले दिनों कायाकल्प की रैंकिंग में सदर अस्पताल भागलपुर को सूबे में दूसरा स्थान मिला था। इसके तहत 20 लाख रुपये की राशि भी मिली थी। साथ ही राज्य सरकार की ओर से प्रमाण पत्र भी मिला था। अब सदर अस्पताल प्रशासन को लक्ष्य के तहत बेहतर रैंकिंग मिलने की उम्मीद है।

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