-सदर अस्पताल में इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शुरू
- प्रशिक्षण शुक्रवार तक चलेगा
भागलपुर, 29 नवंबर।
जिले को जल्द से जल्द कालाजार से मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है। अब जिले में कालाजार के छिपे हुए मरीजों की पहचान की जाएगी। इसे लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण सोमवार को सदर अस्पताल में शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण शुक्रवार 3 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार के मरीजों की कैसे पहचान करनी है, इसकी जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण डीएमओ डॉ. कुंदन भाई पटेल, डीवीडीओ रविकांत कुमार, केटीएस संजीव कुमार, केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक और कालाजार के प्रखंड समन्वयक सुमंत कुमार दे रहे हैं।
सोमवार को प्रशिक्षण के दौरान डीएमओ डॉ. कुंदन भाई पटेल ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही कालाजार के मरीजों को भूख नहीं लगने, कमजोरी और वजन में कमी की भी शिकायत होती है। क्षेत्र में यदि ऐसे लक्षण वाले कोई मरीज मिले तो उसे तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। वहां पर उस व्यक्ति की रैपिड टेस्ट होगी। टेस्ट में अगर कालाजार की पुष्टि होती है तो उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल आने के लिए कहें। यदि इलाज में देरी होती है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा की परत भी सूख कर झड़ती है। डॉ. पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है।
जिलेभर में 300 कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है प्रशिक्षणः डीवीडीओ रविकांत कुमार ने बताया कि कालाजार के मरीजों की पहचान के लिए जिले की 300 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है। क्षेत्र में यही लोग रहती हैं, इसलिए इन्हें लोगों के बारे में सही जानकारी रहती है। किस व्यक्ति को किस चीज की बीमारी है, इसकी जानकारी रहने से कालाजार के मरीजों की पहचान में मदद मिलेगी। अगर किसी भी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखाई देंगे तो तत्काल जांच कराने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को कहा गया है।
नवगछिया और बिहपुर प्रखंड कालाजार से मुक्तः डीवीडीओ ने बताया कि जिले के नवगछिया और बिहपुर प्रखंड कालाजार से मुक्त हैं। बाकी 14 प्रखंडों में यह अभियान चलाया जाएगा। पहले जगदीशपुर प्रखंड भी कालाजार से मुक्त था, लेकिन पिछले दिनों वहां भी एक मरीज पाया गया है। इसलिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस साल अभी तक जिले में कालाजार के 14 मरीजों की पहचान हो चुकी है। प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को सिथेंटिक पायथाराइड के छिड़काव के बारे में भी जानकारी दी गई। छिड़काव के दौरान पूरे कमरे को खाली कराने से लेकर अन्य जानकारी दी गई। अब पूरी दीवार पर सिंथेटिक पायथाराइड का छिड़काव कराना है। यह सुनिश्चित कराने के लिए आशा कार्य़कर्ताओं को कहा गया।
कालाजार की रोकथाम को लेकर विभाग अलर्ट: जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम जल्द ही किया जाएगा। डॉ. पटेल ने लोगों से अपील की है कि बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने दें। यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई।