-सुरक्षित और सामान्य प्रसव को मिलेगा बढ़ावा
- गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा होने पर तुरंत चिकित्सकों से कराएं जाँच
- चिकित्सा परामर्श का करें पालन, व्यक्तिगत साफ-सफाई का रखें ख्याल
खगड़िया, 29 नवंबर।
गर्भधारण के साथ ही हर महिला सुरक्षित और सामान्य प्रसव की पहली चाहत रखती है। किन्तु, यह आसान भी नहीं है। इसके लिए हर गर्भवती महिलाओं को खुद के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत होती है। खासकर इस कोरोना काल और गिरते तापमान के कारण बदलते मौसम में स्वास्थ्य के प्रति और सजग रहना चाहिए। दरअसल, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। तभी सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ्य बच्चे का जन्म हो सकता है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव संभव होगा, बल्कि स्वस्थ बच्चे का जन्म भी होगा।
- स्वस्थ माँ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को दे सकती हैं बढ़ावा :
सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, सुरक्षित और सामान्य प्रसव तभी संभव है जब गर्भवती महिला शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ्य रहेंगी। इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। साथ ही पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना भी बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ महिलाएँ स्वस्थ रहती हैं बल्कि गर्भस्थ शिशु भी स्वस्थ और मजबूत होता है। - गर्भधारण के पूर्व शारीरिक और मानसिक रूप से रहें स्वस्थ :
अगर कोई महिला गर्भधारण के बारे में सोच रही है तो उन्हें तीन-चार माह पूर्व से योजना बनानी चाहिए और सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए। ताकि गर्भावस्था से लेकर प्रसव तक किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानियां उत्पन्न नहीं हो । - गर्भधारण के लिए सही उम्र होना जरूरी :
गर्भधारण के लिए महिलाओं का सही उम्र होना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि, कम उम्र में गर्भधारण होने से हमेशा समय पूर्व प्रसव होने की संभावना बनी रहती है। जिससे महिलाओं को कई प्रकार की जटिल परेशानियों से जूझना पड़ जाता है। इसलिए, गर्भधारण के लिए महिलाओं का कम से कम 20 वर्ष का होना जरूरी है। इसलिए, इस उम्र में ही गर्भधारण कराना चाहिए। ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी उत्पन्न नहीं हो। - प्रसव पूर्व समय-समय पर कराते रहें जाँच :
सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर जाँच कराते रहना चाहिए। प्रसव पूर्व जाँच के लिए सरकार द्वारा पीएचसी स्तर पर भी मुफ्त जाँच की व्यवस्था की गई है। जहाँ हर माह नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क जाँच होती और जाँचोपरांत आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिया जाता है। - गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन, आयरन और कैल्सियम युक्त खाने का सेवन ज्यादा करना चाहिए :
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को प्रोटीन, आयरन और कैल्सियमयुक्त खाने का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए। इस दौरान दाल, पनीर, अंडा, पालक, सोयाबीन, नॉनवेज, गुड़, अनार, नारियल, चना, हरी सब्जी आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही व्यक्तिगत साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। - इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर :
- मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
- बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित।
- विटामिन-सी युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करें।
- नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।