- सूर्यगढ़ा और पिपरिया के ग्रामीण चिकित्सकों को मिला प्रशिक्षण
- जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया प्रशिक्षण
लखीसराय, 27 दिसंबर।
जिले में कालाजार उन्मूलन अभियान को पूर्ण रूप से सफल बनाने के लिए सोमवार को जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय में ग्रामीण चिकित्सकों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में कालाजार प्रभावित एरिया में आने वाले सूर्यगढ़ा एवं पिपरिया के ग्रामीण चिकित्सकों को दिया गया। प्रशिक्षण में मौजूद ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षक सह जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने कालाजार के लक्षण, कारण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण चिकित्सक कालाजार से संबंधित मरीजों की आसानी के शुरुआती दौर में ही पहचान कर सकें और मरीजों को उचित इलाज के लिए आवश्यक जानकारी सुविधाजनक तरीके से उपलब्ध करा सकें। साथ ही सामुदायिक स्तर पर लोगों को इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए बेहतर तरीके से जागरूक कर सकें। इस प्रशिक्षण में भीडीसीओ भगवान दास, गौतम प्रसाद, भीबीडीएस बिनोद कुमार चौबे, दिलीप कुमार मालाकार, केयर इंडिया की प्रखंड समन्वयक ललिता कुमारी आदि मौजूद थी।
- लक्षण वाले मरीजों को जाँच के लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान भेजने में करेंगे सहयोग :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार ने बताया, ग्रामीण चिकित्सक अपने क्षेत्र के लक्षणों वाले मरीजों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों में जाँच कराने के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि ससमय उन्हें बीमारी की सही जानकारी मिल सके और उचित इलाज शुरू हो सके। इसके अलावा ऐसे मरीजों को जाँच कराने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसके लिए ग्रामीण चिकित्सक नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान पहुँचने में भी सहयोग करेंगे। साथ ही ऐसे मरीजों को चिह्नित कर स्थानीय पीएचसी को भी जानकारी उपलब्ध करेंगे। इससे ना सिर्फ ऐसे मरीजों की समय पर जाँच और सही बीमारी की जानकारी सुनिश्चित होगी। बल्कि, मरीजों को गंभीर परेशानियाँ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा और सुविधाजनक तरीके से आवश्यक स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। - लखीसराय और बड़हिया के ग्रामीण चिकित्सकों को आज मिला प्रशिक्षण :
प्रशिक्षक सह जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नरेंद्र कुमार ने बताया, मंगलवार को लखीसराय एवं बड़हिया प्रखंड के ग्रामीण चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसको लेकर सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं और प्रशिक्षण में शामिल होने वाले सभी ग्रामीण चिकित्सकों को जानकारी दे गई है। - कालाजार के लक्षण :
- लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना।
- दुर्बलता।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
- प्लीहा में नुकसान होता है।
- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :
- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।
- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरुनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं । छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।
- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।
- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।
- अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।