अफ्रीकी चीते अब चम्बल में भी , कूनो का 750 वर्ग किमी छेत्र रिजर्व किया गया

टाइगर स्टेट कहलाने वाले मध्य प्रदेश में अब अफ्रीकन चीते भी छलांग मारते नज़र आएंगे। मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों को बसाने की तैयारी शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो अफ्रीकी चीतों का अप्रैल-मई तक भारत पहुंच सकते हैं। स्वीकृति मिलने के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने चीते लाने की कवायद तेज कर दी है।
एक लंबी कवायद के बाद केंद्र सरकार ने अफ्रीकी चीतों को कूनो पालपुर में बसाने का कार्यक्रम तैयार किया है। केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अफ्रीकी चीतों को भारत लाने की तैयारी कर ली है और उम्मीद है कि अब तीन से चार महीनों में ही कूनो पालपुर में अफ्रीकन चीतों की चहल कदमी सुनाई देगी, जिसके बाद कूनो पालपुर अफ्रीकी चीतों के बसने वाला देशभर का पहला स्थान बन जाएगा।
चंबल क्षेत्र में पड़ने वाला कूनो करीब 750 वर्ग किमी में फैला है जो चीतों के रहने के लिए अनुकूल है। हर चीते को 10 से 20 वर्ग किमी का क्षेत्र चाहिए, इस लिहाज़ से कूनो उनके प्रसार के लिए पर्याप्त जगह देता है। इस अभ्यारण्य का ज्यादा एरिया समतल है और पेड़ पौधे भी घने हैं यही वजह है कि अफ्रीकी चीतों के लिए इसे उपयुक्त माना जा रहा है। डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट के एक्सपर्ट द्वारा कूनो सेंचुरी को चीतों के लिए उपयुक्त पाया गया है। अगर सब ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही अफ्रीकी चीते यहां आ जाएंगे।

SHARE