पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विशिष्ट दर्शक के रूप में चीन में शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने के लिए बीजिंग जा रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों ने साफ कर दिया है कि वे इसी बहाने चीन से आर्थिक मदद लेने जा रहे हैं। इसलिए अहम बात यह है कि चीन भी इमरान की मदद के लिए तैयार है। क्योंकि उनकी दृष्टि चीन-उत्तर कोरिया और पाकिस्तान की धुरी बनाने की है।
दूसरी बात यह है कि इस ओलंपिक का दुनिया के सभी महत्वपूर्ण देशों द्वारा बहिष्कार किया गया है, इसलिए अमेरिका सहित नाटो देशों के गणमान्य व्यक्ति ओलंपिक के उद्घाटन में उपस्थित नहीं होंगे। भारत का कोई सवाल ही नहीं है। संयोग से इमरान खान की वीवीआईपी एन्क्लेव में मौजूदगी भी चीन को गौरवान्वित कर सकती है। ऐसे में स्वाभाविक है कि चीन इमरान का खुले दिल से स्वागत करता है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद ने कहा कि प्रधान मंत्री की चीन यात्रा का एक उद्देश्य चीन के साथ पाकिस्तान की एकजुटता दिखाना था। क्योंकि कुछ देशों ने शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार किया है।
प्रधानमंत्री बीजिंग में शीर्ष चीनी नेताओं और अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे। इमरान खान पिछले दो साल से चीन नहीं गए हैं। दो साल में यह उनका पहला दौरा होगा।
हालांकि इमरान खान के चीन दौरे को लेकर कुछ लोगों को संदेह है। उनका मानना है कि इमरान खान चीन से 3 अरब रुपये उधार लेना चाहते हैं। इसकी पुष्टि करते हुए पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस-ट्रिब्यून का कहना है कि प्रधानमंत्री यह भी चाहते हैं कि चीन पाकिस्तान के छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश करे। इस दृष्टिकोण की पुष्टि अन्य फसल मीडिया द्वारा भी की जाती है।