महाराष्ट्र सरकार ने अहम फैसला लिया है जिससे सजा काट रहे कैदियों को लाभ होगा। इसके अनुसार कैदी 50 हजार रुपए तक पर्सनल लोन ले सकते हैं। महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक सालाना सात प्रतिशत ब्याज पर यह कर्ज देगा।
पुणे के येरवदा जेल से प्रायोगिक शुरुआत होगी। नतीजे सकारात्मक रहे तो राज्य के अन्य कारागार में बंद कैदियों को भी यह सुविधा मिलेगी।
राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि कई कैदी लंबे समय से जेल में सजा काट रहे हैं, इनमें ऐसे सजायाफ्ता भी हैं, जो परिवार के मुखिया हैं। कर्ज की रकम से वे परिवार की मदद कर सकते हैं। वकील की फीस चुका सकते हैं। जरूरी काम निपटा सकते हैं।
यदि बात वसूली की करें तो कैदी जेल में काम करते हैं, इसके बदले उन्हें पैसे मिलते हैं। उनकी कमाई से किस्त वसूली जाएगी। किस कैदी को कितना कर्ज मिलेगा, यह बैंक तय करेगा।
वसूली की रकम का एक प्रतिशत हिस्सा कैदी कल्याण कोष में जमा किया जाएगा। गाढ़े वक्त में इस कोष से कैदियों को वित्तीय मदद मिलेगी।