बाँस की मीनारें खड़ी कर हवा से पानी पाने की कारगर तकनीक

अफ्रीकी देश इथियोपिया में अक्सर लोगों को पीने के पानी की हमेशा किल्ल्त बनी रहती है। सूखे की स्थिति में हवा से पानी उत्पन्न करने के लिए विशेष बांस टावरों का निर्माण किया गया है।

इतालवी आर्किटेक्ट्स की एक टीम द्वारा ये टावर ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए लगाए गए हैं। 5 फीट ऊंचा और 12 फीट चौड़ा टावर बनाने की तकनीक बहुत ही सरल है। बांस के अलावा, बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है।

बांस की मदद से और हवा में बायोडिग्रेडेबल नमी को अवशोषित करके पानी में परिवर्तित किया जाता है जिसे बाद में संग्रहित किया जाता है। टावर को संचालित करने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। इसका पूरा सिस्टम एक खास तरह के मैकेनाइज़्ड सिस्टम पर चलता है।

जल निकासी के लिए टॉवर एक विशेष प्रकार के कपड़े का उपयोग करता है। यह टावर तकनीक प्रतिदिन लगभग 100 लीटर शुद्ध पानी उपलब्ध कराती है। जो चार से पांच परिवारों की दैनिक पेयजल की आवश्यकता को पूरा करता है।

अफ्रीका के शुष्क क्षेत्रों में रहने वालों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। इथियोपिया में पाए जाने वाले वारका के आकार के पेड़ के आकार के कारण टॉवर को वारका टॉवर भी कहा जाता है। बाँस की मीनारें खड़ी करके हवा से पानी प्राप्त करने की इस तकनीक का महत्व बहुत बढ़ गया है क्योंकि वैज्ञानिक अब शुष्क हवा से पानी तैयार करने की तकनीक विकसित कर रहे हैं।

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