सिविल सर्जन ने बच्चे को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर की अभियान की शुरुआत

 राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के 17 लाख से अधिक लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्यशुक्रवार को जो बच्चे छूट गए, उन्हें 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड के दौरान खिलाई जाएगी दवा  

भागलपुर, 22 अप्रैल राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर शुक्रवार को एक से 19 साल के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा की खिलाई गई। अभियान की शुरुआत शहर के नया बाजार स्थित राजकीय मदनलाल कन्या उच्च विद्यालय से हुई। सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बच्चे को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की। मौके पर डीपीएम फैजान आलम अशर्फी और स्वास्थ्य विभाग की सलाहकार शालिनी सिन्हा समेत स्कूल के शिक्षक और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।अभियान की शुरुआत के बाद सिविल सर्जन डॉ. उमेश कुमार शर्मा ने बताया कि एक से 19 साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई गई। दो साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली खिलाई गई और उससे अधिक उम्र के लोगों को पूरी गोली खिलाई गई। यह अभियान आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में चलाया गया। अल्बेंडाजोल की दवा बच्चों को चबाकर खाने की सलाह दी गई। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसलिए लोगों से मेरी अपील है कि जिसके घर में 19 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, वह अल्बेंडाजोल की दवा जरूर खिलाएं। शुक्रवार को जो बच्चे छूट गए, उनके लिए 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। उस दिन याद से बच्चे को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाना नहीं भूलिएगा। जिले के 17 लाख से अधिक बच्चों को दवा खिलाने का है लक्ष्य। पेट से संबंधित बीमारियों से बच्चों का बचाव है उद्देश्यः वहीं मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग की सलाहकार शालिनी सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर बच्चों को दवा खिलाने का मुख्य उद्देश्य पेट से संबंधित बीमारियों से उसका बचाव करना है। आज अभियान की शुरुआत हुई है। जो बच्चे शुक्रवार को छूट गए, उन्हें 26 को मॉपअप राउंड के दिन दवा खिलाई जाएगी। बच्चों को उम्र के अनुसार खुराक दी जा रही है। इसे लेकर व्यापक तैयारी की गई है। हमलोगों को उम्मीद है कि इसे लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उसे पूरा कर लेंगे। सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाने में कामयाब रहेंगे। स्वास्थ्य पर नहीं पड़ता है कोई प्रतिकूल प्रभावः सिविल सर्जन ने बताया कि कृमि के कारण बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास अवरुद्ध होता है। राष्ट्रीय कृमि दिवस के अवसर पर जिले के 01 से 19 साल तक के सभी बच्चों के लिये कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इसके सेवन से बच्चे पेट के कई रोग, कुपोषण सहित अन्य बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। निर्धारित समय पर कृमिनाशक दवा का सेवन जरूरी है। इससे शरीर के अंदर पल रहे कृमि नष्ट हो जाते हैं। बच्चों को दवा खिलाने के लिए जिले की चयनित आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि कृमि की दवा खाने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह शरीर को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। बीमार बच्चों का दवा का सेवन नहीं कराया जाना है।

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