कर्नाटक में प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा हो रही है। 12वीं बोर्ड के समकक्ष मानी जाने वाली इस परीक्षा में प्रदेश के ढाई लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। परीक्षा के दौरान छात्रों को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं थी। रेशम-आलिया, दो छात्र, जिन्होंने पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, भी परीक्षा के लिए उपस्थित हुए, लेकिन हिजाब पहनकर परीक्षा दिए बिना लौट आए और उच्च न्यायालय में फिर से आवेदन किया।
इस बार 15 मई तक चलने वाली इस परीक्षा में किसी भी धर्म का चिन्ह पहनना वर्जित है। किसी की धार्मिक पहचान को प्रकट करने वाली कोई भी पोशाक पहनना मना है। इससे पहले कर्नाटक में हिजाब पहनकर कॉलेज आने को लेकर विवाद हुआ था। उसके बाद होने वाली वार्षिक परीक्षा में हिजाब पहनने पर भी प्रतिबंध है।
दो छात्राओं ने फिर से हाईकोर्ट में अर्जी दी है। इससे पहले दोनों छात्राओं ने कर्नाटक सरकार के हिजाब पहनकर कॉलेज आने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। दोनों छात्रा मार्च माह में हुई प्रैक्टिकल परीक्षा से भी बाहर हो गई थी। फिर से दोनों छात्रों ने हाई कोर्ट में अर्जी दी है और हिजाब पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग की है।