ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा के दौरान, ब्रिटिश लेबर सांसद नाज़ शाह ने एक विवादास्पद बयान दिया कि भारत में मुसलमानों के साथ इस्लामोफोबिया के कारण भेदभाव किया जाता है।
इस बयान की भारत के एक मुस्लिम विद्वान मौलाना शहाबुद्दीन राजवी बरेलवी ने निंदा की थी। मौलाना शहाबुद्दीन राजवी बरेलवी ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं है। भारत में, सभी भाईचारे में रहते हैं और अल्पसंख्यकों को नमाज, अजान जैसे विभिन्न धार्मिक त्योहारों की पर्याप्त स्वतंत्रता मिलती है।
भारत के मुसलमान शांति से रहते हैं। उन्हें भारत में कोई समस्या नहीं है। विदेशियों को भारत के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। मौलाना शहाबुद्दीन राजवी बरेलवी इस्लामिक रिसर्च सेंटर के निदेशक हैं। उन्होंने ब्रिटिश सांसद के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया।
ब्रिटिश सांसद के बयान को पक्षपाती बताते हुए मुस्लिम विद्वान मौलाना शहाबुद्दीन राजवी बरेलवी ने कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। न तो विदेशियों को और न ही पाकिस्तान को दखल देना चाहिए।
ब्रिटिश सांसद नाज शाह के ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्विटर के जवाब में लिखा कि ब्रिटिश सांसद को इंडिया फोबिया है। भारत के मामलों में दखल बंद होना चाहिए। भारत में मुस्लिम समेत सभी अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। भारत में सहअस्तित्व सदियों पुरानी परंपरा है।