कश्मीर में हिंदुओं की हत्या के बाद 30 पंडितों ने नौकरी से इस्तीफा दिया

जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने एक सरकारी दफ्तर में घुसकर राहुल भट नाम के कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी। इस हत्या से कश्मीरी पंडितों में आक्रोश है। जम्मू-कश्मीर में कम से कम 30 कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को कश्मीर घाटी में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

उन्होंने कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश में असुरक्षित महसूस करते हैं। इसके साथ ही लालचौक में हजारों कश्मीरी पंडितों ने धरना प्रदर्शन किया। कश्मीरी पंडितों ने सुबह जम्मू-अखनूर हाईवे जाम कर दिया, जहां पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर आठ पंडितों को गिरफ्तार कर लिया।

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा सरकारी कार्यालय में जाकर कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद दूसरे दिन कश्मीरी पंडितों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने घाटी में असुरक्षा की भावना व्यक्त करते हुए उन्हें घाटी के बाहर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने का आह्वान किया।

कश्मीरी पंडितों को मध्य कश्मीर के बडगाम में शेखपोरा कैंप में अस्थायी आवास प्रदान किया गया है। मनोज सिन्हा ने ट्विटर पर कहा कि वह राहुल भट्ट के परिवार से मिलने गए। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है।

राहुल भट्ट की पत्नी मीनाक्षी ने कहा कि राहुल चदुरा में असुरक्षित महसूस कर रहे थे। उन्होंने दो साल तक स्थानीय व्यवस्था से मुख्यालय में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन उनका तबादला नहीं हुआ। उन्हें संदेह था कि उनके कार्यालय में काम करने वाले कुछ लोग उनके पति की हत्या में शामिल थे। आतंकवादियों ने राजस्व विभाग के कार्यालय में घुसकर पूछा कि राहुल भट कौन है और उन पर गोलियां बरसा दीं।

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