ढोल-मंजीरों के साथ मुड़िया संतों ने निकाली भव्य शोभायात्रा, निभाई 464 वर्ष पुरानी परंपरा

मुड़िया पूर्णिमा मेले के तहत बुधवार को ढोल, मंजीरे और मृदंग की थाप पर गोवर्धन में मुड़िया संतों की ऐतिहासिक शोभायात्रा निकाली गई। मुड़िया संतों नाचते-गाते शोभायात्रा निकाल कर 464 वर्ष पुरानी परंपरा का निर्वहन किया।

वाद्य यंत्रों की धुन पर मुड़िया संतों ने श्रीपाद सनातन गोस्वामी के डोले के साथ नगर में भ्रमण किया। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने शोभायात्रा पर पुष्पवर्षा करते हुए स्वागत किया। जैसे ही मुड़िया संत चकलेश्वर महादेव की पूजा के लिए पहुंचे तो काली घटाओं के साथ उमड़े मेघों ने तेज गर्जना की।

यह शोभायात्रा श्री राधा श्याम सुंदर मंदिर से महंत रामकृष्ण दास महाराज के सानिध्य में निकाली गई। शोभायात्रा को देखने के लिए यूपी के साथ राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और बिहार के लाखों श्रद्धालु पहुंचे।

राधा-श्याम सुंदर मंदिर से सुबह 10 बजे शुरू हुई मुड़िया शोभायात्रा दसविसा, हरिदेवजी मंदिर, दानघाटी मंदिर, डीग अड्डा, बड़ा बाजार, हाथी दरवाजा होते हुए शुभारंभ स्थल पर पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान मुड़िया संत हरिनाम संकीर्तन के साथ नृत्य करते हुए निकले तो उनके आगे हर शीश नतमस्तक हो गया।

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