मुंगेर जिला भर में 11 से 31 जुलाई तक चलेगा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा

  – 15 से 30 जुलाई तक जिला भर में चल रहा है सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा  

– राज्यस्तरीय टीम का 15 से 25 जुलाई के दौरान मूल्यांकन करने का है लक्ष्य

   मुंगेर-  मुंगेर सहित राज्य के सभी जिलों में मातृ मृत्यु दर एवं प्रजनन दर को कम करने के लिए 11 से 31 जुलाई तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा चलाया जा रहा है। वहीं, शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से 15  से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चल  रहा है। 

सघन मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिलावार राज्यस्तरीय टीम गठितजिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजि ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक र्निदेशक संजय कुमार सिंह के निर्देशानुसार दोनों पखवाड़ों के सघन मूल्यांकन के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिलावार राज्य स्तरीय टीम गठित की गई है। कार्यक्रम के  मूल्यांकन के जरिए पखवाड़े की प्रभावशीलता एवं इसके प्रति आम जागरूकता का पता लगाया जाएगा।

इसके अलावा जिला के विभिन्न्न स्वास्थ्य संस्थानों के द्वारा पखवाड़े को लेकर की गई तैयारी एवं क्रियान्वयन की उचित जानकारी भी प्राप्त होगी। हर स्तर पर किया जायेगा मूल्यांकन उन्होंने बताया कि दोनों अभियान की 15  से 25 जुलाई तक गठित टीम द्वारा अनुश्रवण एवं मूल्यांकन करने का लक्ष्य है। इंटेंसिफाइड डायरिया कंट्रोल प्रोग्राम (आईडीसीपी) के तहत संचालित सघन दस्त नियंत्रण पखवाडा का जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एक गांव का मूल्यांकन विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।  वहीं 11 से 31 जुलाई तक चल रहे परिवार नियोजन सेवा पखवाडा का सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं गांव स्तर पर किया जाएगा।  

घर- घर जाकर किया जायेगालाभार्थियों से संपर्क : जिला स्वास्थ्य समिति के जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) निखिल राज ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्रों में शून्य से लेकर 5 साल तक के बच्चों के बीच ओआरएस पावडर का पाउच, जिंक टैबलेट्स और सिरप का वितरण कर रही हैं  ।  इसके साथ ही परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम घर- घर जाकर नवविवाहित दम्पतियों  सहित अन्य लोगों को परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई दोनों साधनों को अपनाने के लिए जागरूक कर रही हैं , ताकि अधिक से अधिक दंपत्ति इन साधनों का लाभ उठा सकें ।  

उन्होंने बताया कि दोनों पखवाड़ा का एक साथ आयोजन शिशु एवं मातृ मृत्यु दर को कम से कमतर करने में काफ़ी असरदार साबित हो सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ही दोनों पखवाड़े के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा आम समुदाय के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कई कार्यक्रम राज्य भर में चलाए जा रहे हैं।

विभाग सभी कार्यक्रमों का लाभ समुदाय के सबसे आखिरी व्यक्ति तक पहुँचाने के प्रयास में पूरी तरह से जुटा हुआ है। इस उद्देश्य की प्राप्ति में स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं अभियान का सघन अनुश्रवण एवं मूल्यांकन काफी मददगार साबित होगा ।

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