यूआईडीएआई ने रद्द किए छह लाख लोगों के फर्जी आधार कार्ड

11 फर्जी आधार वेबसाइटों पर बैन
अब आधार में सत्यापन के लिए फेस का भी करें इस्तेमाल
आधार से जुड़ी सेवाएं देने वाली अवैध वेबसाइटों को नोटिस

यूआईडीएआई ने 6 लाख लोगों के फर्जी आधार कार्ड की पहचान कर उन्हें रद्द कर दिया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा को बताया कि डुप्लीकेट आधार कार्ड रद्द कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी आधार कार्ड की समस्या के समाधान के लिए यूआईडीएआई द्वारा कई कदम उठाए गए हैं।

आधार कार्ड में अब एक अतिरिक्त प्रमाणीकरण सुविधा जोड़ी गई है, जिसमें आधार सत्यापन के लिए चेहरे का उपयोग किया जाएगा। अब तक सिर्फ फिंगरप्रिंट और आईरिस की मदद से आधार वेरिफिकेशन होता था।

आधार से जुड़ी सेवाओं की पेशकश करने वाली अवैध वेबसाइटों के बारे में एक अन्य सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने कहा कि यूआईडीएआई ने इन वेबसाइटों को नोटिस भेजा है। संबंधित वेबसाइटों के मालिकों को किसी भी तरह से इन अवैध सेवाओं को प्रदान करने से रोकने के लिए कहा गया है और सेवा प्रदाताओं को इन वेबसाइटों को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक करने का नोटिस भी दिया गया है।

जनवरी 2022 से 11 वेबसाइटों को आधार संबंधी सेवाएं प्रदान करने से रोक दिया गया है। इन वेबसाइटों के पास लोगों से आवेदन लेने और बायोमेट्रिक जानकारी को सही करने या निवासी के मोबाइल नंबर को मौजूदा आधार में जोड़ने का अधिकार नहीं था।

मोबाइल नंबर को अपडेट करने से लेकर पते और फोटोग्राफ तक सभी विवरणों को अपडेट करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को यूआईडीएआई की आधिकारिक वेबसाइट के साथ आधिकारिक आधार स्टोर पर जाना चाहिए।

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