गैंगस्टरों के साथ आतंकी जैसा व्यवहार करो, जरूरत पड़ने पर विदेश भी जाओ : केंद्र सरकार

सरकार लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों को मजबूत कर रही है। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में ऐतिहासिक फैसले में अपनी शक्तियों को सही साबित कर दिया है, अब केंद्र ने एनआईए को भी सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम उठाया है।

सरकार चाहती है कि एनआईए गैंगस्टरों के खिलाफ भी आतंकवादी जैसा रवैया अपनाए। एनआईए को पूरे देश में जांच करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय जाना चाहिए।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार चाहती है कि भारत में गैंगस्टरों की आतंकी गतिविधियों, ड्रग तस्करी और हथियारों की आपूर्ति को कवर करने के लिए एनआईए को बुलाया जाए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इन गैंगस्टरों का आतंकी संगठनों से संबंध होने के कारण केंद्र सरकार चाहती है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई करे और उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार करे।

सूत्रों का कहना है कि गैंगस्टर पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और कनाडा स्थित खालिस्तानी समूहों के संपर्क में है, जिसे सरकार देश के लिए गंभीर खतरा मानती है। सरकार चाहती है कि इस संबंध में एनआईए और दिल्ली पुलिस की खुफिया शाखा मिलकर कार्रवाई करे।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम, 2019 को 2008 के मूल अधिनियम में संशोधन करके संसद में पारित किया गया था। एनआईए को जाली मुद्रा या बैंक नोटों से संबंधित अपराधों, प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण या बिक्री, साइबर आतंकवाद, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के तहत अपराधों से संबंधित मामलों की जांच के लिए प्रदान किया गया।

एनआईए को देश भर में अपराधों की जांच करने के लिए अन्य पुलिस अधिकारियों के समान अधिकार दिए गए हैं। इसके अलावा, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम (यूएपीए, 2019) के तहत, एनआईए अधिकारियों को किसी भी राज्य के पुलिस महानिदेशक की पूर्व स्वीकृति के बिना भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में छापे मारने और संपत्ति को जब्त करने का अधिकार है।

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