लक्ष्य कार्यक्रम से गुणवत्तापूर्ण प्रसव को मिलेगा बल, स्टेट टीम ने सूर्यगढ़ा सीएचसी का किया निरीक्षण 

  – मातृ एवं शिशु की अस्वस्थता व मृत्यु दर में आएगी कमी- संस्थागत प्रसव को मिलेगा बढ़ावा, लोग देंगे प्राथमिकता  

लखीसराय-  सरकार द्वारा  सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव के लिए लाए गए लक्ष्य कार्यक्रम से ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा बल्कि, इससे शिशु-मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी। इसका  सकारात्मक बदलाव भी देखा जा रहा है। दरअसल, इस कार्यक्रम का उद्देश्य  है प्रसव एवं प्रसव के बाद देखभाल में सुधार करना।  शुक्रवार को लक्ष्य कार्यक्रम के लिए पटना से आई केयर इंडिया की स्टेट टीम से  डाॅ अबुली गोरे एवं डाॅ विकास ने सूर्यगढ़ा सीएचसी का निरीक्षण किया। इस दौरान स्टेट टीम ने सीएचसी प्रबंधन से लक्ष्य कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी ली  । साथ ही उक्त कार्यक्रम के क्रियान्वयन को भी  देखा एवं मरीजों से बातचीत कर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली गई । इसके अलावा (ईक्यूएएस ) बाहरी गुणवत्ता आश्वासन सेवाएं से संबंधित जानकारी भी  ली गई ।  वहीं, निरीक्षण के बाद टीम द्वारा अस्पताल प्रबंधन को कई जरूरी और आवश्यक सलाह दी गई  एवं उक्त कार्यक्रम को  बेहतर तरीके से संचालन करने का निर्देश भी दिया गया। इसके अलावा ओटी अस्टिटेंट, लेबर रूम इंचार्ज, लैब टेक्नीशियन, प्रखंड एमएन एण्ड ई के साथ बैठक  कर लक्ष्य कार्यक्रम को पाने के लिए और बेहतर कार्य कैसे किया  जा सकता है, इसको लेकर उक्त सभी कर्मियों को  प्रशिक्षण भी दिया गया। जिसमें कई महत्वपूर्ण और आवश्यक जानकारी दी गई।   – सीएचसी में क्रियान्वित है लक्ष्य कार्यक्रम, मरीजों को मिल रही है बेहतर स्वास्थ्य सुविधा : सूर्यगढ़ा सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सत्येन्द्र कुमार ने बताया, सीएचसी में लक्ष्य कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही लोगों को इस कार्यक्रम के तहत बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। जिसके कारण लोग संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दे रहे  और सीएचसी आने वाले मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी  हो रही है।  – लक्ष्य कार्यक्रम से गर्भवती महिला की देखभाल में होगा सुधार : उनके मुताबिक इस कार्यक्रम के तहत प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थियेटर, प्रसव संबंधी गहन देखभाल इकाइयों और उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) में गर्भवती महिलाओं की देखभाल में सुधार होगा।  साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्मानीय मातृत्व देखभाल (आरएमसी) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस पहल के अंतर्गत बहुमुखी रणनीति अपनाई गई है। जिनमें बुनियादी ढांचागत सुधार, उन्नयन, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ाना और प्रसूति गृहों में सुविधाओं में सुधार लाना शामिल है।  – निर्धारित लक्ष्य पूरा करने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि : लक्ष्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधा की  गुणवत्ता की मैपिंग की जाती है। जिसमें कुल आठ तरह के मूल्यांकन पैमाने बनाए गए हैं। इसमें साफ-सफाई का स्तर, स्टाफ की उपलब्धता, लेबर रूम के अंदर जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर की भी मैपिंग की जाती है। इस कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय टीम में सिविल सर्जन को अध्यक्ष, एसीएमओ को नोडल और एक गायनोक्लाॅजिस्ट और  यूनिसेफ तथा केयर के अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने वाले जिला स्तरीय अस्पताल को प्रोत्साहन राशि के रूप में तीन लाख तथा पीएचसी स्तर पर दो लाख  रुपये की राशि और प्रमाण-पत्र देने का प्रावधान है।

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