– पीएचसी प्रभारी ने सभी निजी नर्सिंग के संचालकों को पत्र जारी कर दिए निर्देश – नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के साथ उपलब्ध सुविधाएँ और चिकित्सकों की भी देनी होगी जानकारी
लखीसराय
लखीसराय सदर पीएचसी इलाके में संचालित सभी निजी नर्सिंग होम के संचालकों को अपने नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहीं नहीं, नर्सिंग होम में उपलब्ध सुविधाएँ एवं चिकित्सकों समेत मरीजों के लिए उपलब्ध सभी व्यवस्था की भी जानकारी देनी होगी। इसको लेकर सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रौशेक कुमार ने पत्र जारी कर अपने क्षेत्र के अधीनस्थ संचालित सभी नर्सिंग होम एवं निजी क्लीनिक चलाने वालों संचालकों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जिसमें कहा है कि सभी संचालक शीघ्र ही अपने-अपने निजी स्वास्थ्य संस्थानों के रजिस्ट्रेशन के लिए उपलब्ध सभी सुविधाएं एवं पूरे विवरण के साथ सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करें और स्थानीय पीएचसी को भी सूचित करें। साथ ही आवेदन में यह भी स्पष्ट करना जरूरी है कि आपके स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के लिए कितने और कौन-कौन चिकित्सकों की सुविधा उपलब्ध है। इलाज के दौरान क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती , ऐसी तमाम जानकारियाँ भी उपलब्ध कराना जरूरी है।
योग्य और प्रशिक्षित चिकित्सकों से इलाज कराने पर मातृ – शिशु मृत्यु दर में विराम संभव : सदर पीएचसी लखीसराय के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ रौशेक कुमार ने बताया, इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि मरीजों का योग्य और प्रशिक्षित चिकित्सकों से इलाज सुनिश्चित हो और इलाज के दौरान मरीजों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। इससे ना सिर्फ मरीजों का गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर में भी कमी आएगी और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, उन्होंने कहा कि मैं प्रखंड वासियों से यह भी अपील करता हूँ कि जहाँ योग्य और प्रशिक्षित चिकित्सकों की सुविधा उपलब्ध हो, वहीं इलाज भी कराएं। ताकि इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं हो।
– सरकारी मापदंडों के अनुसार ही नर्सिंग होम का होगा संचालन : लखीसराय सदर पीएचसी के अंतर्गत संचालित सभी निजी नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ सरकारी मापदंडों के अनुसार ही संचालन होगा। ताकि मरीजों को इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो और सभी मरीजों का सुविधाजनक तरीके से इलाज सुनिश्चित हो। इसके अलावा मरीजों की अन्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाएगा। साथ ही मानदंडों के अनुसार निजी स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों द्वारा लगातार मानिटरिंग भी की जाएगी । जिसमें यह देखा जाएगा कि सरकारी मापदंडों का पालन हो रहा या नहीं।