यूपीआई भुगतानों पर शुल्क लगाकर जनता की जेब काटने का आरबीआई का प्रस्ताव

नई दिल्ली

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अब UPI भुगतान पर शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है। इस संबंध में आरबीआई ने नया प्रस्ताव पेश किया है। गौरतलब है कि अभी तक UPI पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लगता था।

इस प्रस्ताव के संबंध में, आरबीआई ने 3 अक्टूबर तक जनता और विभिन्न दलों से विचार आमंत्रित किए हैं।

भुगतान प्रणाली में शुल्क पर चर्चा पत्र शीर्षक वाले RBI के नए प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक UPI प्रणाली का उपयोग करके पैसे के हर लेनदेन के लिए शुल्क लगाने पर विचार कर रहा है।

इसका उद्देश्य निवेश की लागत वसूली और यूपीआई बुनियादी ढांचे के संचालन की व्यवहार्यता की जांच करना है। RBI ने कहा है कि UPI का उपयोग करके फंड ट्रांसफर IMPS (इंस्टेंट पेमेंट सर्विस) के समान है, इसलिए UPI को फंड ट्रांसफर के लिए IMPC की तरह ही चार्ज करना चाहिए।

आरबीआई ने सुझाव दिया है कि अलग-अलग राशि ब्रैकेट के आधार पर यूपीआई भुगतान पर एक स्तरीय शुल्क लगाया जा सकता है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, UPI एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है जो फंड की रीयल-टाइम मूवमेंट को सक्षम बनाता है।

आरबीआई ने आगे कहा है कि भुगतान प्रणाली सहित किसी भी आर्थिक गतिविधि में मुफ्त सेवा का कोई औचित्य नहीं है। आरबीआई डेबिट कार्ड लेनदेन पर एक निश्चित शुल्क लगाने का भी इरादा रखता है, जो फिलहाल फ्री है।

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