भारत के रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने चीन और ताइवान के बीच विस्फोटक स्थिति को लेकर भारत सरकार को चेतावनी दी है।
एक जापानी अखबार में लिखे लेख में चेलानी ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर कब्जा कर लेता है तो चीन का अगला लक्ष्य भारत का अरुणाचल प्रदेश हो सकता है। अरुणाचल प्रदेश ताइवान से तीन गुना बड़ा है और चीन पहले ही इसे अपने नक्शे में अपना हिस्सा दिखा चुका है। ताइवान, भारत की दृष्टि से सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे लिखा कि भारत के लद्दाख में चीन की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश 28 महीने से चल रही है। उसके बाद भी भारत सरकार चीन के साथ मिलकर शंघाई में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच संभावित बैठक की तैयारी कर रही है।
इसी बीच अमेरिका की प्रसिद्ध विदेश नीति पत्रिका के एक लेख में कहा गया है कि हिंद और प्रशांत महासागरों में स्थिति काफी बदल गई है।अब समय आ गया है कि भारत को ताइवान के साथ अपने राजनीतिक संबंधों को मजबूत करना चाहिए। सेमी-कंडक्टर सेक्टर में लोगों के उत्साह और साझेदारी से ही दोनों देशों के संबंध सुधर सकते हैं।भारत फिलहाल ताइवान के साथ अपने संबंधों को लेकर काफी सतर्क है।
इस पत्रिका का कहना है कि अगर चीन ताइवान पर अधिकार कर लेता है, तो भारतीय और प्रशांत महासागरों में चीन का प्रभाव बढ़ जाएगा और क्षेत्र की स्वतंत्रता को भी खतरा होगा। भारत को ताइवान के प्रति अपनी नीतियों को तुरंत बदलने की जरूरत है। भारत को ताइवान के साथ राजनीतिक संबंध फिर से शुरू करने चाहिए।