चीन में उदपुर के मुसलमानों को जबरन नास्तिक बनाने की दयनीय स्थिति

उर्मिची/बीजिंग:

चीन के शिनजियांग प्रांत में कई डिटेंशन कैंप हैं, जिन्हें पहले प्री-तातारी के नाम से जाना जाता था, जहां लाखों मुसलमानों को ‘एकाग्रता शिविरों’ में बंदी बनाकर रखा जाता है। चीन उन परिसरों को पुनः शिक्षा शिविर कहता है। जहां मुसलमानों को जबरन नास्तिक बनाकर उनके धर्म और भाषा से वंचित किया जा रहा है।

यह सर्वविदित है कि साम्यवाद ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है। मार्क्सवादियों ने धर्म को लोगों का अफीम बना दिया है। चीन अपने आप में एक साम्यवादी देश है। साम्यवाद में धर्म का कोई स्थान नहीं है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले महीने शिनजियांग गए थे। 2014 के बाद पहली बार तातारी यात्रा पर गए शी ने इस्लाम-धर्म के बारे में काफी बातें कीं और यह भी कहा कि चीन में इस्लाम का स्वरूप चीनी समाज के अनुरूप होना चाहिए, और धर्म समाजवादी के अनुकूल होना चाहिए।

पर्यवेक्षक इस बात की आलोचना करते हैं कि एक तरफ चीन इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान को काफी सहायता (हथियार और संपत्ति) दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह अपने ही पश्चिमोत्तर प्रांत के मुसलमानों को परेशान कर रहा है।

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