आत्महत्या की दर भारत में साल दर साल बढ़ती ही जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हालिया आंकड़ों को देखें तो पंजाब में बीमारी की वजह से सबसे अधिक लोग अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं तो ओडिशा में सुसाइड का बड़ा कारण घरेलू समस्या है।
ब्रिटेन में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि कभी हार मत मानो। वह दौर था और आज का समय है। वक्त बदला, दौर बदला, दुनिया बदली और वजह बदली पर यह समस्या पूरी दुनिया में कायम है।
भारत में साल दर साल आत्महत्या की दर बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के हालिया आंकड़ों को देखें तो पंजाब में बीमारी की वजह से सबसे अधिक लोग अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं। जबकि ओडिशा में सुसाइड का बड़ा कारण घरेलू समस्या है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में 2021 में हुई 2600 आत्महत्याओं में से 1164 यानी 44.8 प्रतिशत लोगों ने बीमारी और पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या की है।