मुखिया के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों ने पंचायत को टीबी से मुक्त करने का लिया संकल्प

-पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करने का लिया निर्णय
-गोराडीह प्रखंड की जमसी में केएचपीटी के सदस्यों ने जनप्रतिनिधियों को दिया प्रशिक्षण

भागलपुर-

टीबी से मुक्त पंचायत के निर्माण को लेकर शुक्रवार को गोराडीह प्रखंड की जमसी पंचायत के पंचायत सरकार भवन सभागार में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वार्ड सदस्यों, पंचों व जीविका के ग्राम संगठन की दीदियों का मुखिया खुशबू सिंह के नेतृत्व में एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 10 वार्ड सदस्य, मुखिया खुशबू सिंह, उपमुखिया नसर अहमद और पंचायत समिति सदस्य उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान एक पंचायत कार्ययोजना बनायी गयी और इस पर प्रभावी तरीके से अमल करने पर बल दिया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिनिधिगण उत्साहित नजर आ रहे थे और उन्हें अपनी सार्वजनिक जवाबदेही की भी जानकारी मिली। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि अगर किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते तक खांसी, बलगम के साथ खून आने की समस्या, शाम के वक्त लगातार पसीना आए या फिर लगातार बुखार रहे, तो उसे सरकारी अस्पताल ले जाकर इलाज करवाएं। सरकार की तरफ से टीबी का मुफ्त इलाज होता है। साथ में दवा भी मिलती है।
टीबी उन्मूलन को लेकर सामुदायिक स्तर पर प्रयास तेजः कार्यक्रम का आयोजन कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया। केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी उन्मूलन को लेकर लगातार काम किए जा रहे हैं। खासकर सामुदायिक स्तर पर टीबी को खत्म करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। टीबी उन्मूलन को लेकर जनभागीदारी को बढ़ाई जा रही है। उसी कड़ी में शुक्रवार को जमसी ग्राम पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि थे, इसलिए उन्हें टीबी के लक्षण, बचाव और इलाज की जानकारी दी ही गई। साथ ही उनको टीबी के प्रति जिम्मेदारी का भी अहसास कराया गया। टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार की जो भी योजना है, उसकी जानकारी दी गई, ताकि वे एक-एक लोगों तक इसे पहुंचाएं। खुशी की बात यह है कि कार्यक्रम में मौजूद लोग भी उत्साह में दिखे और टीबी को खत्म करने को लेकर संकल्पित भी।

सभी जनप्रतिनिधि मिलकर पंचायत को टीबी से मुक्त कराएंगेः मुखिया खुशबू सिंह ने कहा कि टीबी जैसी संक्रामक बीमारी को हमलोग सामूहिक जिम्मेदारी निभाकर ही खत्म कर सकते हैं। एक-एक लोगों को जागरूक करने में जनप्रतिनिधियों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। हमलोग इस काम में आज से ही लग गए हैं। जल्द से जल्द न सिर्फ अपनी पंचायत को टीबी से मुक्त कराएंगे। साथ में आस-पड़ोस के भी गांव समाज को टीबी से मुक्ति दिलाएंगे। इस काम में हम सभी प्रतिनिधि लगेंगे और लोगों से टीबी का इलाज कराने की अपील करेंगे। मुझे उम्मीद है कि लोग भी इसमें हमारा सहयोग करेंगे। सरकार की सहायता को आमलोगों तक पहुंचाने में हमलोग पूरी ऊर्जा के साथ काम करेंगे। इससे लोगों का ही भला होगा।

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