जस्टिस चंद्रचूड़ चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त किए गए हैं। उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी सात वर्ष तक देश के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। न्यायिक गलियारों में उनकी स्टार जैसी छवि है। उनके पास कानूनी ज्ञान का असीम भंडार, बेबाक राय, सामाजिक मुद्दों के प्रति चेतना व संवेदनाएँ हैं। कोर्टरूम में दोस्ताना रवैया और चेहरे पर हर समय खिली रहने वाली बाल सुलभ मुस्कान उनको अलग पहचान देता है।
वह एक इंसान, वकील और जज के बीच बेहतरीन सामंजस्य बिठाने में न केवल सक्षम हैं, बल्कि वर्ष दर वर्ष अपनी इस अद्भुत काबिलियत को और समृद्ध भी करते रहते हैं।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ 2016 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। उससे पहले वह इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे। जज के रूप में उनकी पहली नियुक्ति साल 2000 में बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई थी। उससे पहले 1998 से 2000 तक वह भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसीटर जनरल रहे। उन्होंने 1982 में दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने प्रतिष्ठित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की थी।
कोविड के दौर में उन्होंने ऑक्सीजन और दवाइयों की उपलब्धता पर कई आदेश दिए। एक ऐसा मौका भी आया जब वह खुद कोरोना पीड़ित होने के बावजूद अपने घर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई से जुड़े। हाल ही में उन्होनें रात 9 बज कर 10 मिनट तक कोर्ट की कार्यवाही चलाई और उस दिन अपने सामने लगे सभी मामलों को निपटाया।