फाइलेरिया उन्मूलन -जिले में नाइट ब्लड सर्वे का काम पूरा, सैंपल की हो रही जांच

-जल्द आएगी जांच रिपोर्ट, चिह्नित मरीजों का इलाज किया जाएगा शुरू

  • जिले के सभी प्रखंडों में हुआ नाइट ब्लड सर्वे

भागलपुर, 01 दिसंबर-

राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन के तहत जिले में नाइट ब्लड सर्वे का काम पूरा हो गया है । इसके तहत कुल 10284 सैंपल जिले भर से लिए गए। अभी सैंपल की जांच हो रही है। एक-दो दिनों जांच रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद चिह्नित मरीजों का इलाज किया जाएगा। नाइट ब्लड सर्वे में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका, जीविका के साथ स्थानीय लोगों ने भी सहयोग किया। खासकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभाई। केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक ने बताया कि बिहपुर से कुल 618 सैंपल सेंटिनेल और रेंडम साइट से जमा किए गए। इसी तरह गोपालपुर से 600, गोराडीह से 617, इस्माइलपुर और जगदीशपुर से 600-600, कहलगांव से 607, खरीक से 606, नारायणपुर से 608, नाथनगर से 607, नवगछिया से 633, पीरपैंती से 600, रंगरा चौक से 658, सबौर से 623, शाहकुंड से 600, सन्हौला से 600, सुल्तानगंज से भी 600 और शहरी क्षेत्र से 507 सैंपल एकत्रित किए गए। अभी सैंपल की जांच की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद चिह्नित मरीजों का इलाज किया जाएगा।
रात में सैपल लेने की ये है वजहः जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. दीनानाथ ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया के परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। सही रिपोर्ट मिल जाने के बाद फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है।
नियमित और उचित देखभाल जरूरीः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसकी नियमित व उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें आशा घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाती हैं।

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