- विश्व विकलांगता दिवस • परबत्ता प्रखंड के नौरंगा गाँव में किया गया जागरूक
- आंगनबाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
खगड़िया-
फाइलेरिया उन्मूलन को गति देने के लिए पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क की टीम द्वारा सामुदायिक स्तर पर लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके माध्यम से फाइलेरिया के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध इलाज की सुविधा की भी जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में शनिवार को विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर परबत्ता प्रखंड के नौरंगा गाँव में पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क की टीम द्वारा लोगों को फाइलेरिया से बचाव को लेकर जागरूक करने के लिए एक सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय आंगनबाड़ी सेविका, आशा फैसिलिटेटर, आशा कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बैठक के दौरान मौजूद लोगों को फाइलेरिया कैसे और क्यों होता, इसका क्या कारण है, इससे बचाव के उपाय, उपचार समेत अन्य जरूरी जानकारी दी गई। इस मौके पर भीबीडीएस मनीष कुमार, आंगनबाड़ी सेविका गीता कुमारी, आशा फैसिलिटेटर ममता कुमारी, आशा कार्यकर्ता कुमारी मंजुला, मंजू देवी समेत पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क की मेंबर रानी जयसवाल, नूतन देवी, सरिता झा समेत बड़ी संख्या में आम लोग मौजूद थे।
- फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी :
पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क की मेंबर सरिता झा ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है। इसी उद्देश्य से पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से जुड़कर मैं लोगों को लगातार जागरूक कर रही हूँ । इस दौरान लोगों को बता रही हूँ कि बीमारी छुपाने से नहीं, बल्कि दिखाने से खत्म होता है। इसलिए, अगर कोई भी बीमारी से स्थाई निजात चाहते हैं तो खुलकर आगे आएं और चिकित्सकों से जाँच कराएं। जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श का पालन करें। वहीं, उन्होंने बताया, बैठक के दौरान भी लोगों को फाइलेरिया के बचाव के लिए जागरूक किया गया और इस बीमारी के प्रभाव से दूर रहने के जिले में शुरू होने वाले एमडीए अभियान के दौरान दवाई का सेवन करने के लिए प्रेरित किया गया। वहीं, उन्होंने कहा, मैं लोगों से अपील करती हूँ कि, जो भी संक्रमित व्यक्ति हैं या फिर लक्षण है, वह अंधविश्वास और पुराने ख्यालातों तथा अवधारणाओं से बाहर आकर अपनी जाँच और इलाज कराएं तथा पुरानी सामाजिक कुरीतियों को मात दें। - पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से फाइलेरिया उन्मूलन को गति देने में मिल रहा है सहयोग :
भीबीडीएस मनीष कुमार ने बताया, फाइलेरिया उन्मूलन को गति देने के लिए पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क बनाया गया है। नया नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। जिसके माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन को गति मिल रही है। इसलिए, आगे भी इस नेटवर्क का सहयोग लिया जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया, इस नेटवर्क में संक्रमित व्यक्तियों को शामिल किया जा रहा है। वहीं, उन्होंने बताया, फाइलेरिया से प्रभावित अंग का विशेष देखभाल और साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए। - फाइलेरिया क्या है ?
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र का व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसील (अण्डकोष में सूजन) है।
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
- फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।