-लोदीपुर पंचायत भवन में टीबी स्क्रीनिंग कैंप लगाया गया
-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीची ने किया आयोजन
भागलपुर-
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने सोमवार को लोदीपुर पंचायत भवन में टीबी स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया। स्क्रीनिंग कैंप के आयोजन में मुखिया और समाजसेवी मो. तस्लीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान पंचायत के 250 लोगों की जांच की गई, जिसमें टीबी के छह संभावित मरीज मिले। सभी मरीजों की जांच सरकारी अस्पताल में कराया जाएगा। जांच में अगर टीबी की पुष्टि होती है तो सभी की सरकारी सहायता देकर इलाज कराया जाएगा। मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर केएचपीटी जिले के टीबी से मुक्त बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। जागरूकता अभियान से लेकर टीबी मरीजों को चिह्नित करने तक के काम में अपनी भूमिका निभा रहा है।
मुखिया मो. तस्लीम ने बताया कि पंचायत को टीबी से मुक्त बनाने के लिए हमलोग स्वास्थ्य विभाग और केएचपीटी के साथ दे रहे हैं। पंचायत के लोगों को टीबी के प्रति लगातार जागरूक कर रहे हैं। सरकार की तरफ से टीबी मरीजों के इलाज से लेकर अन्य तरह की तमाम सरकारी सहायता दी जा रही है तो हमलोगों का भी दायित्व बनता है कि समाज के लोगों को इससे अवगत कराएं और लोगों को टीबी से मुक्त कराएं। इसी सिलसिले में इस स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया गया। कैंप से पहले गांव के लोगों को इसकी जानकारी दी गई और उन्हें बताया गया कि इसके क्या फायदे होते हैं। इसके बाद पंचायत के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर इसमें अपनी भूमिका निभाई। आगे भी हमलोगों से जो भी सहयोग होगा वह करेंगे। पंचायत को तो टीबी से मुक्त बनाएं ही, साथ में आसपास के लोगों को भी जागरूक करेंगे।
सरकारी स्तर पर कराया जाएगा इलाजः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि स्क्रीनिंग कैंप में जो भी लक्षण वाले मरीज मिले हैं, अगर जांच में उनमें टीबी की पुष्टि होती है तो सभी का इलाज सरकारी स्तर पर कराया जाएगा। साथ ही उन्हें जब तक इलाज चलेगा, तब तक पौष्टिक आहार के लिए पांच सौ रुपये प्रतिमाह राशि भी दिलाई जाएगी। इसके अलावा दवा भी उन्हें मुफ्त में मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। जागरूकता अभियान से लेकर तमाम तरह के कार्य कर रहे हैं। जिले को 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने के लिए हमलोग स्वास्थ्य विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर काम कर रहे हैं। कभी टीबी स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन कर रहे हैं तो कभी टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक कर रहे हैं। इसका फायदा भी लोगों को हो रहा है। तेजी से टीबी के मरीज चिह्नित हो रहे और उनका इलाज भी चल रहा है।