मायागंज अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर शुरू

  • आठ साल के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को चढ़ाया गया ब्लड
    -नोडल अधिकारी डॉ. अंकुर प्रियदर्शी के नेतृत्व में बच्चे का हुआ इलाज
    भागलपुर, 9 जनवरी-
    मायागंज अस्पताल के थैलेसीमिया डे केयर सेंटर में बच्चे का इलाज शुरू हो गया है। सोमवार को आठ वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे का डॉ. अंकुर प्रियदर्शी के नेतृत्व में इलाज हुआ। उसे ब्लड चढ़ाया गया। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे का नाम रवीश कुमार है। वह मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के गोविंदपुर का रहने वाला है। बच्चे का इलाज होने पर माता गीता देवी और पिता सर्जन यादव ने प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने बताया कि मायागंज अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर रहने से मेरे बेटे को आसानी से खून चढ़ाया गया। अगर यहां पर इसकी व्यवस्था नहीं होती तो मुझे परेशानी हो सकती थी। मालूम हो कि चार जनवरी को सूबे के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मायागंज अस्पताल में थैलेसीमिया डे केयर सेंटर का शुभारंभ किया था। उसके बाद सोमवार को पहली बार किसी बच्चे को यहां पर ब्लड चढ़ाया गया।
    थैलेसीमिया डे केयर सेंटर के नोडल पदाधिकारी और बच्चे का इलाज करने वाले डॉ अंकुर प्रियदर्शी ने कहा कि रवीश कुमार को ब्लड चढ़ा दिया गया है और अब वह ठीक है। आगे से भी अस्पताल में कोई थैलेसीमिया पीड़ित बच्चा इलाज के लिए आता है तो उसके इलाज की भी यहां पर पूरी व्यवस्था है। मालूम हो कि मायागंज अस्पताल स्थित डे केयर सेंटर में छह बेड की व्यवस्था की गई है। यानी कि एक साथ छह मरीजों को यहां पर ब्लड चढ़ाया जा सकता है। सेंटर प्रतिदिन सुबह 10 से शाम पांच बजे तक चलता है। सेंटर के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा हैं, जबकि नोडल डॉ. अंकुर प्रियदर्शी बनाए गए हैं।
    केयर इंडिया करती है संचालनः मायागंज अस्पताल स्थित थैलेसीमिया डे केयक सेंटर के संचालन की व्यवस्था केयर इंडिया की ओर से की गई है। नर्स से लेकर डाटा ऑपरेटर तक की व्यवस्था केयर इंडिया की तरफ से की गई है। दो नर्स, एक लैब टेक्नीशियन, एक डाटा ऑपरेटर और एक हाउस कीपिंग स्टाफ केयर इंडिया की ओऱ से प्रोवाइड कराया गया है। थैलेसीमिया डे केयर सेंटर में इलाज के लिए आने वाले बच्चों के लिए मनोरंजन की भी व्यवस्था की गई है। इसके तहत एक प्ले जोन भी बनाया गया है। जहां पर कि इलाज से पहले का समय बच्चे व्यतीत कर सकते हैं। मायागंज अस्पातल में बिहार और झारखंड के 15 जिलों के मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। पूर्वी बिहार के बड़े अस्पतालों में इसका शुमार है। यहां पर थैलेसीमिया डे केयर सेंटर शुरू होने से काफी बड़ी आबादी को फायदा पहुंचेगा।
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