फ़रवरी के पहले सप्ताह से वृद्धि निगरानी सप्ताह के रूप में मनेगा प्रत्येक माह का पहला सप्ताह

  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से 6 साल तक के सभी बच्चों के वृद्धि की होगी निगरानी

• बच्चों की सही लंबाई और वजन लेकर डाला जायेगा पोषण ट्रैकर एप पर, बच्चों को कुपोषण से बचाने में होगा कारगर

मुंगेर, 10 जनवरी। फरवरी के पहले सप्ताह से प्रत्येक माह का पहला सप्ताह वृद्धि निगरानी सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान जिला भर के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 0 से 6 साल तक के सभी बच्चों के वृद्धि की निगरानी होगी । बच्चों की सही लंबाई और वजन लेकर पोषण ट्रैकर एप पर डाला जाएगा। समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) के द्वारा किया जाने वाला यह कार्य बच्चों को कुपोषण से बचाने में बहुत ही कारगर होगा । मालूम हो कि बाल कुपोषण पर लगाम लगाने के लिए आईसीडीएस द्वारा कई स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें आंगनवाड़ी केंद्रों पर नियमित रूप से बच्चों की वृद्धि निगरानी एक महत्वपूर्ण सेवा है।

फ़रवरी माह के पहले सप्ताह से शुरू होगा वृद्धि निगरानी सप्ताह का आयोजन :
मुंगेर में आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) वंदना पांडेय ने बताया कि प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में 0 से 6 साल तक के बच्चों की वृद्धि निगरानी की जाएगी। इसे फ़रवरी माह के पहले सप्ताह से शुरू किया जा रहा है, जिसे वजन सप्ताह या वृद्धि निगरानी सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों की वृद्धि की बेहतर निगरानी करनी है। योजना के 6 मुख्य घटकों में वृद्धि निगरानी एक महतवपूर्ण घटक है। बच्चों के लिए 6 साल तक का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। विशेषकर 2 साल तक के बच्चों की निगरानी अधिक जरूरी हो जाती है। वृद्धि निगरानी के जरिए कुपोषित एवं अति- कुपोषित बच्चों की पहचान होगी एवं उन्हें बेहतर रेफरल सेवाएं प्रदान की जा सकेगी। वृद्धि निगरानी सप्ताह मनाने का एक उद्देश्य यह भी है कि बच्चों के अभिभावकों को ससमय सुधार हेतु सही परामर्श दिया जा सके।

उन्होंने बताया कि वृद्धि निगरानी सप्ताह के दौरान सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन और माप में चिह्नित होने वाले गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को वीएचएसएनडी के दिन बुधवार और शुक्रवार को एएनएम के द्वारा स्वास्थ्य जांच की जाएगी । इसके बाद अति कुपोषित बच्चों को पोषण के साथ – साथ सही चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाएगी । इसके लिए संबंधित बच्चों को उसके अभिभावक के साथ जिला अस्पताल स्थित पोषण एवम पुनर्वास केंद्र ( एनआरसी ) रेफर करते हुए अन्य कुपोषित बच्चों के माता पिता या अभिभावक को आहार विविधता, उच्च ऊर्जा युक्त भोजन, व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में परामर्श एवं स्वास्थ्य पोषण से संबंधित सेवाओं से जोड़ा जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों की सही लंबाई और वजन लेकर डालेंगी पोषण ट्रैकर एप पर :
उन्होंने बताया कि फरवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो रही वृद्धि निगरानी सप्ताह के सफल आयोजन और मॉनिटरिंग के लिए एक रणनीति बनाई गई है। इसके लिए जिला भर में कार्यरत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवम महिला पर्यवेक्षिका (लेडी सुपरवाइजर) को आवश्यक दिशा – निर्देश दिया जा चुका है। बच्चों का वजन और लंबाई की सही माप के लिए सभी महिला पर्यवेक्षिका प्रत्येक माह के प्रत्येक सप्ताह सेक्टर बैठक कर आईएलए मॉड्यूल आठ का रिफ्रेशर देंगी तथा सेविकाओं को बच्चों का सही वजन और लंबाई लेने के लिए प्रेरित करेंगी। इसके साथ ही वृद्धि निगरानी के सभी आंकड़ों की प्रविष्टि पोषण ट्रैकर एप में दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिला के सभी प्रखंडों में कार्यरत सीडीपीओ को आंगनबाड़ी केंद्रों पर निर्धारित प्रपत्र पर 0 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का वजन एवम लंबाई का विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज करवाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही जिला की सभी सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षिका को वृद्धि निगरानी सप्ताह की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है।

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