एच3एन2 वायरस एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है

एच3एन2 वायरस एक इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेन्स पैदा हो चुके हैं। H3N2 वायरस इन्फेलूएंजा-ए वायरस का सबटाइप है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एवियन, स्वाइन और दूसरे ज़ूनॉटिक इन्फ्लूएंजा संक्रमण, मनुष्यों में ऊपरी श्वसन में हल्के से लेकर गंभीर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसमें हल्के सर्दी, बुखार से लेकर गंभीर निमोनिया, एक्यूट रेस्पीरेटरी डिसट्रेस सिंड्रोम, शॉक और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।

यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द या तकलीफ, लगातार बुखार आना या खाना खाते समय गले में दर्द होता है तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके।

इस वायरस के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं

  • कंपकपी
  • खांसी
  • बुखार
  • मतली
  • उल्टी
  • गले में दर्द/गले में खराश
  • मांसपेशियों और शरीर में दर्द
  • कुछ मामलों में दस्त
  • नाक बहना और छींक आना

एच3एन2 इंफ्लूएंजा तीव्र संक्रामक वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से और संक्रमित वस्तु को छूने के बाद वही हाथों को आँख, नाक या मुख में लगाने से फैलता है।

गर्भवति महिलाएं, नौजवां बच्चे, उम्रदराज लोग और जो लोग पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उनमें इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम और बढ़ जाता है।

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