शाइस्ता को माफिया कहने पर अखिलेश यादव को परेशानी हो रही है। आखिर ये रिश्ता क्या कहलाता है? अखिलेश चाहते हैं कि शाइस्ता भले ही माफिया डॉन है लेकिन उसे माफिया डॉन ना कहा जाए। उसे केवल महिला कहकर उसकी आरती उतारी जाए। क्योंकि उनके शासन में माफिया डॉन बडे सम्मान के साथ रहते थे और उनको वोट का देवता माना जाता था और वोआज भी वही चाहते हैं लेकिन योगी जी के शासन में यह सम्भव नहीं है तो अखिलेश को परेशानी हो रही है।
अखिलेश यादव मंगलवार को कानपुर देहात के रसूलाबाद में निकाय चुनाव में प्रचार के लिए गए थे। यहां उन्होंने पार्टी के प्रत्याशी के समर्थन पर भाषण देते हुए सवाल उठाया कि किसी महिला को माफिया कैसे कहा जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों के दूसरे चरण में मंगलवार की शाम को प्रचार प्रसार थम गया। दूसरे चरण का मतदान गुरुवार को होना है.ऐसे में मंगलवार को सभी पार्टियों की ओर से पूरे जोर शोर से चुनाव प्रचार किया गया।
उन्होंने पुलिस द्वारा अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को माफिया बताने पर कहा कि किसी महिला के लिए यह कौन सी भाषा है। इस तरह की भाषा को कितना उचित माना जा सकता है। अर्थात अखिलेश यादव चाहते हैं कि शाइस्ता को डॉन ना कहकर उसे सम्मानित करके माला पहनाई जाए।