पोषण ट्रैकर एप : जिले की महिला पर्यवेक्षिका और प्रखंड समन्वयक को दिया गया प्रशिक्षण

  • पोषण ट्रैकर एप से जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी में भी मिलेगी मदद
  • एप से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना होगा आसान

खगड़िया।

राज्य सरकार द्वारा आईसीडीएस के माध्यम से संचालित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों की शत-प्रतिशत निगरानी के साथ ही मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया को अपग्रेड किया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर के नाम से एक ऑनलाइन एप विकसित किया है। इसके माध्यम से जिला के सभी आँगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में आसानी होगी। जिसे गति देने के लिए शनिवार को जिला परियोजना कार्यालय में आईसीडीएस डीपीओ सुनीता कुमारी के नेतृत्व में जिला समन्वयक अंबुज कुमार एवं परियोजना सहायक चंदन कुमार द्वारा जिले की एल एस (महिला पर्यवेक्षिका) एवं प्रखंड समन्वयक को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें एप का संचालन समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई।

आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी :
आईसीडीएस डीपीओ सुनीता कुमारी ने बताया, आँगनबाड़ी केंद्रों की महत्ता को देखते हुए अब इसे पूरी तरीके से हाईटेक करने की तैयारी की जा रही है। ताकि आईसीडीएस के स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन को और अधिक सुविधाजनक और सरल बनाया जा सके। इसके लिए राज्य सरकार ने पोषण ट्रैकर एप की शुरुआत की है। इस एप के सफल संचालन के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागी अपने – अपने प्रखंड में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर प्रखंड की सेविका समेत अन्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित करेंगे।

जिला के सभी आँगनबाड़ी सेविकाओं को पहले ही स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रशिक्षकों के द्वारा सेविकाओं के स्मार्ट फोन में पोषण ट्रैकर एप डाऊनलोड करने और उसका उपयोग करने की जानकारी दी जाएगी।

एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना होगा आसान :
जिला समन्वयक अंबुज कुमार ने बताया, एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करने के साथ ही आँगनबाड़ी क्षेत्रों में गर्भवती-धातृ महिलाओं, शून्य से तीन वर्ष के बच्चे, 3 से 6 वर्ष के बच्चे, किशोर-किशोरियों के साथ ही आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के अनाथ बच्चों व उन सभी के स्वास्थ्य की जानकारी नियमित रूप से सेविकाओं के द्वारा अपलोड किया जाएगा। इससे विभाग के द्वारा कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करने के साथ ही नियमित निगरानी भी आसान हो जाएगी।

उन्होंने बताया, सेविकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता को लेकर विभाग ने सभी पंचायत में निगरानी का जिम्मा उस प्रखंड की सीडीपीओ को दिया है। ताकि वो प्रशिक्षण स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन कर सके कि सेविकाओं ने अपने स्मार्ट फोन में एप को डाउनलोड किया या नहीं। एप के प्रशिक्षण के बाद स्थानीय स्तर पर सेविकाओं के द्वारा दी जा रही सभी पोषण गतिविधियों की जानकारी पोषण ट्रैकर एप पर नियमित रूप से अपलोड की जाएगी।

इससे रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी। एप के द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती-धातृ महिलाओं के पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी , टीएचआर का वितरण, बच्चों के ग्रोथ की मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी दर्ज करेंगी।

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