गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी पर्व को समर्पित श्रद्धा व प्रेम के साथ संपन्न आलौकिक कीर्तन दरबार

सूरज किरण मिले जल का जल हुआ राम
गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी पर्व को समर्पित श्रद्धा व प्रेम के साथ संपन्न आलौकिक कीर्तन दरबार

आगरा।

सिख धर्म के पांचवें गुरु साहिब श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का पावन शहीदी दिन बहुत ही श्रद्धा प्यार के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा दशमेश दरबार शहीद नगर में अमृतमई कीर्तन व सुखमनी साहिब जी के पाठ का आयोजन समूह संगत के साथ मिलकर किया गया।

स्त्री विंग द्वारा चालीस दिन से सुखमनी साहिब जी के पाठ की सम्पूर्णता कीर्तनकार भाई गुरशरण सिंह ने अपनी मधुर वाणी से सभी को निहाल किया। उसके बाद हरमन प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह ने अपनी मधुर वाणी से व वचनों से गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला और समूह संगत से अपील की के गुरु अर्जन देव जी के जीवन से थोड़ी सी भी अगर हम शिक्षा ले लें तो हमारा जीवन बदल सकता है।

उन्होंने कहा कि गर्म तवी पर बैठकर भी गुरु अर्जुन देव पातशाह उस प्रभु का शुकराना कर रहे हैं और उसके भाणे को मीठा कह रहे हैं आज हमें थोड़ी सी परेशानी होती है तो हम तरह तरह की शिकायतें प्रभु चरणों में करते हैं लेकिन अगर उसकी रजा में रहना आ जाए तो हमेशा शुकराना ही निकलेगा और यह शिक्षा हमें गुरु अर्जन देव जी के जीवन से मिलती है।

संतोष, धैर्य, नम्रता, व प्रभु के भाणे में रहने की कला यह हमें गुरु अर्जुन देव जी के जीवन से मिलती है उन्होंने शब्द “जपियो जिन अर्जन देव गुरु फिर संकट जॉन गर्भ ना आयो” का गायन किया उसके बाद “गुर मेरे संग सदा है नाले, सिमर सिमर तिस सदा समाले” शब्द का गायन बहुत ही सुरीले अंदाज में किया जिसे समूह संगत ने भरपूर सराहा मुख्य सेवादार हरपाल सिंह ने सभी संगत का धन्यवाद किया।

इस अवसर पर हरपाल सिंह,राजू सलूजा, इंदरजीत सिंह, गुरु सेवक श्याम भोजवानी,मलकीत सिंह,मनोज नोतनानी,गुरिंदर सिंह,सुरेन्द्र सिंह,देवेंद्र सिंह जुल्का,हरजीत सिंह, आदि गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। समाप्ति पर गुरु महाराज के अटूट लंगर का वितरण हुआ जिससे सर्व धर्म के लोगों ने एक साथ बैठकर ग्रहण किया।

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