चंद्रशेखर पर हमला और कुछ समय पहले ओवेसी पर हमला, चर्चा है कि असली थे या राजनीतिक ड्रामा ?

सहारनपुर में चंद्रशेखर पर हमला और कुछ समय पहले ओवेसी पर हमला हुआ था। लेकिन क्या ये हमले असली थे? यह भी एक गहन मुद्दा है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद रावण (चन्द्रशेखर) ने योगी सरकार पर हमला बोला ठीक उसी तरह, जिस तरह ओवेसी ने हमला होने और बच जाने के बाद योगी सरकार पर हमला बोला था।

ओवेसी की गाडी पर हमला हुआ था गाडी हमला एकदम करीब से ही हुआ था लेकिन ? गोली केवल गाडी के गेट में लगी और वो भी नीचे यानी सीट के निचले हिस्से के पास लगी। पता नहीं वो कैसे शूटर थे जिन्हें ये भी मालूम नहीं था कि कहाँ मारनी चाहिए ? जबकि ओवेसी ने कहा था कि शूटर प्रोफेशनल थे।

कुछ इसी तरह चन्द्रशेखर पर हमला हुआ कई गोलियां चलाई गई लेकिन निशाने पर नहीं लग पाई। केवल एक गोली छूकर निकल गई जबकि हमलावर प्रोफेशनल थे। शायद ये शूटर भी वही थे जो ओवेसी पर हुए हमले में शामिल थे।

पहले ओवेसी और अब चन्द्रशेखर दोनों ने योगी सरकार पर जमकर हमले किए और यही कहा कि जान से मारने के उद्देश्य से हमला किया गया लेकिन किस्मत अच्छी थी कि बच गए।

अच्छी बात है कि सब सलामत रहें लेकिन दोनों प्रकरणों में सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि ये हमले वाकई में हमले थे या फिर राजनीतिक ड्रामा?

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