अजीत पवार की ख्वाहिश मुख्यमंत्री तक

अजीत पवार की ख्वाहिश मुख्यमंत्री तक पहुँचने की है। उन्होंने अपने चाचा से बगावत ऐसे ही नहीं की है। केवल उपमुख्यमंत्री पद उनका लक्ष्य नहीं है। यह बात किसी और नहीं बल्कि खुद उन्होंने ही जाहिर की है। बीजेपी के साथ अजित पवार ने वक्ती तौर के लिए हाथ नहीं मिलाया बल्कि अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव लड़ने की रूपरेखा भी तय कर रखी है। ऐसे में सवाल उठता है कि एकनाथ शिंदे के हाथों से क्या सत्ता की डोर सरकती नजर आ रही है?

अजित पवार ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। इसके अलावा अजित पवार खेमे से एक दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा और 48 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 164 और शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ी थी। शिवसेना के टिकट पर जीते 57 विधायकों में से 40 एकनाथ शिंदे के साथ और 17 उद्धव ठाकरे के साथ हैं। शिवसेना के टिकट पर जीते 18 सांसदों में से भी 12 शिंदे के साथ हैं। अजित पवार खेमा 2024 में अगर 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगा तो शिंदे खेमा के हिस्से में कितनी सीटें आएंगे।

अजित पवार ने बुधवार को कहा कि मैं पांच बार महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बना हूं, जो अपने आपमें एक रिकार्ड है, लेकिन सिर्फ डिप्टी सीएम बनकर ही रह गया हूं। मैं अब महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं और राज्य का नेतृत्व करना चाहता हूं। अजित पवार के बयान से एक बात साफ है कि वो अभी भले ही डिप्टी सीएम बन गए हों, लेकिन मौका मिलते ही मुख्यमंत्री पद पर दावा करेंगे। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत और कांग्रेस नेता ने भी दावा किया है कि अजित पवार को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया है। उसके बाद ही अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके बीजेपी गठबंधन में शामिल हुए हैं।

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