26 सौ वर्ष पूर्व भगवान महावीर ने की थी 32 भविष्यवाणियां —- साध्वी गुरुछाया भगवान महावीर ने अपने समय जो बड़े-बड़े नगर देखे थे उसके सामने आज के बड़े-बड़े नगर भी ग्राम सरीखे हैं और उस समय के जो शमशान थे वह आज के विकसित ग्राम सरीखे थे तो आज वर्तमान में हमारा यह सोचना भी उचित नहीं है कि आज के हमारे बड़े बड़े नगर ग्राम सरीखे हो जाएंगे या आगे आने वाला समय ऐसा आएगा जबकि इसका अर्थ यह लगाया जाए कि भविष्य में हमारे गांव भी महानगरों की तरह विकसित होंगे l बस आवश्यकता है ऐसे प्रधान सेवकों की जो लालची नहीं हो, दुर्भिक्ष काल पड़ चुका है और अब आगे ना पड़े इसके लिए भारतीय विश्व धर्म संसद एवं उसकी धार्मिक सरकार यह प्रेरणा देती है अधिक से अधिक भंडारे लगाए जाएं l भंडारा केवल पूड़ी- सब्जी का ही नहीं हो, रोटी- सब्जी का भी भंडारा चलेगा जैसा कि “राम शरणम” में चलता है और पानी के लिए 100 वर्ष पूर्व हुई भविष्यवाणी का यह अर्थ कदापि नहीं लगाएं कि हमारे देश में या विश्व में कभी जल संकट उत्पन्न होगा l इस भविष्यवाणी का यह अर्थ है कि जिस प्रकार से आज पानी के लिए इतनी दूर जाना पड़ता है आगे भविष्य में पानी घर के बाहर ही किराने की दुकान पर भी मिलेगा l बस हमें समय रहते चेतना होगा , अपनी सरकारों को , अपने प्रधान सेवक को जगाना होगा, बताना होगा कि बरसात का पानी जिन्होंने आज बाढ़ का रूप लिया है उसे हमारी पुरानी व्यवस्था के साथ जोड़ दें l पूरे विश्व में जो यह नाले बने हैं यह पुराने जमाने के है l इनको परस्पर एक दूसरे से मिला diya jaye जिससे पानी की समस्या नहीं आयेगी और न बाढ़ की. —-
भारतीय विश्व धर्म संसद —
विश्व धर्म परिवार( सारा संसार). –
इंटरनेशनल अर्हत जैन संघ
Acharya Sushil times Nai Delhi