6 महीने कमरे में रही बन्द, बिना कोचिंग IAS बनकर दिखाया

6 महीने कमरे में खुद को बंद करके, सब दुनियादारी छोड़कर, सेल्फ स्टडी करके IAS बनकर दिखाया तो सभी की आँखे खुली रह गईं। आईएएस-आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम की तैयारी करने वाले कई तरह की मुश्किलों और चुनौतियों से गुजरकर मंजिल हासिल करते हैं।

हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली निधि सिवाच ने12वीं पास करने के बाद मैकेनिकल इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला लिया। उन्होंने जब मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की बात की तो लोगों को आश्चर्य हुआ।

निधि सिवाच ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद हैदराबाद में दो साल तक एक कंपनी में जॉब की। लेकिन इसी दौरान उन्हें समझ में आ गया कि उनके लिए यह फील्ड नहीं है। वह कुछ इससे बेहतर कर सकती हैं। फाइनली निधि ने अपना करियर सिविल सर्विस में देखा और यूपीएससी एग्जाम की तैयारी करना तय किया।

पहले दो अटेम्पट में वह फेल हुईं तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया। अब घर वालों ने रेड फ्लैग दिखाते हुए कह दिया कि तीसरा अटेम्प्ट आखिरी होगा। इसमें सेलेक्शन नहीं हुआ तो शादी कर दी जाएगी। जहां कहेंगे वहां शादी करनी पड़ेगी।

निधि ने घर वालों की धमकी को चुनौती की तरह लिया। उन्होंने खुद को अगले छह महीने के लिए एक कमरे में लॉक कर लिया और मिशन यूपीएससी के लिए जुट गईं। निधि की मेहनत रंग लाई और इसके बाद जब यूपीएससी एग्जाम दिया तो ऑल इंडिया 83वीं रैंक आई।

निधि सिवाच ने यूपीएससी एग्जाम के लिए कोई कोचिंग नहीं की थी। उन्होंने तीसरे अटेम्प्ट में यह कामयाबी सेल्फ स्टडी के बल पर हासिल की है। निधि का मानना है कि कोचिंग की अनिवार्यता वाली बात मिथ है। बस कोशिश ईमानदारी से की जानी चाहिए।

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