दिल्ली एनसीआर के इलाके बन चुके हैं गैस चैंबर

दिल्ली एनसीआर के इलाके गैस चैंबर बन चुके हैं, वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में है। कई इलाके ऐसे हैं जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक रिकॉर्ड तोड़ रहा है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. फेफड़े-आंख से लेकर दिल और दिमाग तक प्रदूषण सबको प्रभावित कर रहा है. चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यदि पॉल्यूशन से शरीर पर पड़ने प्रभाव को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह न्यूरॉजिकल प्रॉब्लम के साथ कैंसर तक का खतरा बन सकता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 395 रहा, हालांकि सुबह और शाम के समय यह 400 के आंकड़े को पार कर गया। इससे पहले सोमवार को दिल्ली का AQI तकरीबन 421 रहा था। गाजियाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में भी AQI उच्च स्तर पर दर्ज किया गया। माना जा रहा है कि 10 नवंबर तक यह बहुत ही खराब श्रेणी में पहुंच जाएगी

प्रदूषण में मिश्रित कार्बन तत्व आसानी से सांस के साथ घुलकर फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। गंगाराम अस्पताल के कैंसर विभाग के प्रमुख डॉक्टर श्याम अग्रवाल के मुताबिक प्रदूषण में पीएम 2.5 कण होते हैं जो बहुत ही घातक गैसों का मिश्रण है। ये फेफड़ों को कमजोर कर देते हैं, ये ठीक उस तरह से असर डालता है जैसे कोई 15 से 20 सिगरेट पी रहा हो। इससे लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, पेनक्रिएटिक कैंसर और लीवर कैंसर के मामले होते हैं।

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