कश्मीर के बारामूला में गुसाई टैंक मंदिर में हैं रामायण काल के 7 कुंड, राम कुंड, सीता कुंड, लक्ष्मण कुंड, हनुमान कुंड, शत्रु कुंड, भरत कुंड

कश्मीर के बारामूला में गुसाई टैंक मंदिर में हैं रामायण काल के 7 कुंड, राम कुंड, सीता कुंड, लक्ष्मण कुंड, हनुमान कुंड, शत्रु कुंड, भरत कुंड। कहा जाता है कि जब भगवान राम वनवास के दौरान कश्मीर आये थे तो उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था।

बारामूला से पांच मील दूर यह उस मंदिर के अवशेष है, जिसका निर्माण नरेंद्रप्रभा द्वारा किया गया था, जो प्रतिपादित्य की रानी थी, जिन्होंने 634 ईस्वी में कश्मीर में शासन किया था। किंवदंतियों से यह भी ज्ञात है कि राजा विक्रमादित्य ने ईसा पूर्व में यहां एक लड़ाई लड़ी थी, जब राजा 351 राज्य में छोटे बिखरे हुए प्रांतों पर शासन किया करते थे।

उत्तरी कश्मीर के बारामूला में स्थित भगवान राम का मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के आस्था का केंद्र है। 1948 में जब पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला किया और मंदिर को भी जलाने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसकी रक्षा की थी। पिछले कुछ सालों से बीएसएफ के जवान इस मंदिर की सुरक्षा कर रहे हैं और आज भी इस मंदिर में पूजा होती है। एक कश्मीरी मुस्लिम का कहना है कि कश्मीर में कई मंदिर हैं, जिनकी सुरक्षा करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है। उनका कहना है कि कश्मीर में फिर से मंदिरों का जीर्णोद्धार होना चाहिए।

1990 के दशक की शुरुआत में धर्मस्थल की मुख्य इमारत धर्मशाला को आतंकवादियों ने जला दिया था। धर्मस्थल से जुड़ी भूमि का भी अतिक्रमण कर लिया गया था। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद से परित्यक्त अवस्था में है। अभी इस मंदिर की देखभाल सीमा सुरक्षाकर्मी कर रहे हैं।

इसका इतिहास ये भी बताया जा रहा है कि यहां सीता स्नान करना चाहती थी, लेकिन इस ऊंचाई वाले चोटी पर पानी नहीं था। सीता ने राम को जब बताया कि वे यहां नहीं रह सकते, क्योंकि यहां पानी नहीं हैं तो लक्ष्मण ने 7 तीर पहाड़ी पर मारे, जिसके बाद सात कुंड यहां पहाड़ी से चश्मे की सूरत में सामने आये। कहते हैं राम ने यही से अयोध्या की ओर अपनी यात्रा शुरू की थी।

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