पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान DGP को अवैध काम करने के लिए कहते थे, DGP ने मना किया तो पद से हटा दिया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान DGP को अवैध काम करने के लिए कहते थे, DGP ने मना किया तो पद से हटा दिया। पंजाब के पूर्व DGP विरेश कुमार भावरा ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की बेंच के समक्ष अर्जी दाखिल कर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है।

उन्होंने पंजाब की मान सरकार पर आरोप लगाया कि मान सरकार ने उनके ऊपर अवैध काम करने के लिए दबाव डाला था और जब उन्होंने ये करने से इंकार कर दिया तो सीएम  ने उन्हें पद से हटा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जीतकर सत्ता में आने के तुरंत बाद भगवंत मान ने उन्हें इस्तीफा देने और महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कहा था।

भावरा ने कहा कि ऐसा दबाव केवल इसलिए डाला जा रहा था क्योंकि उनकी नियुक्ति पिछली सरकार ने की थी। उन्होंने कहा कि मेरी नियुक्ति एकदम वैध थी। यूपीएससी की ओर से तय नियमों के आधार पर ही मुझे डीजीपी बनाया गया था। लेकिन उस वक्त किसी नियम का पालन नहीं हुआ, जब मुझे जबरदस्ती पद से हटा दिया गया। वहीं, इस केस में मौजूदा डीजीपी गौरव यादव को भी पार्टी बनाया गया है।

यह आम आदमी पार्टी की कार्यशैली को साफ दिखाता है और मिसाल बनाता है कि किसी राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस निदेशक को सिर्फ इसलिए उनके पद से हटा दिया क्योंकि DGP ने मुख्यमंत्री की तरफ से दबाव देने के बावजूद भी अवैध काम करने से इंकार कर दिया।

SHARE