बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत

बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 21 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में वज्रपात से मधुबनी जिले में छह लोगों की मौत हो गई है। जबकि, औरंगाबाद में चार और पटना में दो लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा रोहतास, भोजपुर, जहानाबाद, सारण, कैमूर, गोपालगंज, लखीसराय, मधेपुरा और सुपौल में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने मौत हुई है।

आकाश में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से विपरीत दिशा में जाते हुए टकराते हैं। इससे घर्षण होता है और बिजली पैदा होती है। यही बिजली जमीन पर गिरती है। इस बिजली को किसी तरह के कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। नमी एक कंडक्टर की भूमिका निभाती है, जिसके कारण आकाशीय बिजली जमीन पर गिरती है और इसकी चपेट में आने से लोगों की मौत हो जाती है।

वज्रपात का बड़ा कारण बिहार के हिमालय की तलहटी के तराई क्षेत्र में होना है। यहां सतह ताप और आद्रता के अलावा इस क्षेत्र की भौगोलिक बनावट भी उच्च बिजली हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों पर आकाशीय बिजली से कई लोगों की मौत हो गई। चंदौली में आधा दर्जन लोगों की मौत बिजली गिरने से हो गई। वहीं प्रतापगढ़ में सबसे ज्यादा 11 लोगों ने जान गवा दी। वहीं सुल्तानपुर में 7 लोगों की मौत हो गई।

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