पहल : फाइलेरिया उन्मूलन को ले एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला आयोजित

 

समुदाय में जन -जागरूकता हेतु मीडिया की भूमिका अहम : जिलाधिकारी
कुल 13,10, 000 के आबादी को खिलायी जाएगी फाइलेरिया की दवा

लखीसराय।

जिले में 10 अगस्त से शुरू होने वाले सर्वजन – दवा सेवन कार्यक्रम में समुदाय के बीच जन -जागरूकता हेतु जिलाधिकारी के सभाकक्ष में एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला जिलाधिकारी रजनीकांत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उक्त आयोजन स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फोर एडवोकेसी एंड रिसर्च के द्वारा किया गया ।
मीडिया को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी रजनीकांत ने बताया की किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका बहुत अहम होती है। क्योंकि समुदाय के अंतिम पायदान तक मीडिया की पहुंच होती है। इस लिए फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सर्वजन -दवा सेवन कार्यक्रम में समुदाय को जागरूक करने में आप सभी की भागीदारी अहम हो जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है। जिससे व्यक्ति की मौत तो नहीं होती है,‌ पर इसमें इंसान का जीवन बहुत कठिन एवं संघर्षपूर्ण हो जाता है। भारत के बीस राज्य के 345 जिला इस बीमारी के चपेट में है। बिहार के कुल 38 जिले इस बीमारी के चपेट में है। इस कारण हर व्यक्ति को इससे बचने के लिए दवा खाना जरुरी है।
लखीसराय जिले में एमडीए /आईडीए अभियान की शुरुआत 10 अगस्त से हो रहा है। जो अगले सतरह दिनों तक चलेगा। इन सतरह दिनों में 14 दिन हाउस टू हाउस विजिट कर टीम द्वारा दवा खिलाई जाएगी। अंतिम तीन दिनों तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,कॉलेज,एवं सभी स्कूलों में बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद छुटे हुए लोगों के लिए मॉप -अप राउंड भी चलाया जाएगा। दवा खिलाने के लिए जिले की लक्षित आबादी कुल 13,10000 (तेरह लाख दस हजार ) है। दवा खिलने के लिए जिला में कुल 6 सौ टीम एवं 60 सुपरवाइजर बनाया गया है। इस दवा को स्वस्थ व्यक्ति को भी खाना है। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर अपने सामने ही लोगों को दवा खिलाए।
जिले के सभी लोगों से अपील है की फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए दवा जरुर खाएं।
– गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को नहीं खिलायी जाएगी :
सिविल -सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा इस अभियान में ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा घर-घर जाकर लोगों को एलबेंडाजोल और डीईसी के साथ आइवर मैक्टिन की गोली पात्र व्यक्तियों को खिलाई जाएगी। उक्त दवा गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा खिलाई जाएगी। साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए जागरूक की जाएगी। ताकि उक्त अभियान का सफलतापूर्वक समापन एवं बीमारी पर रोकथाम संभव हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई के साथ-साथ एहतियात भी जरूरी है। इसलिए, अभियान के दौरान योग्य व्यक्तियों को दवाई खिलाई जाएगी।
इस कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉक्टर बीके सिन्हा, एसीएमओ सह डीआईओ डॉक्टर अशोक कुमार भारती, डीएस डॉक्टर राकेश कुमार, वीडीसीओ गौतम प्रसाद , पिरामल स्वास्थ्य से राजेश कुमार सिन्हा, पीसीआई से एके श्रीवास्तव, सीफार से श्याम त्रिपुरारी, मीडिया कर्मी सहित कई अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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