यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गर्मजोशी से मोदी का स्वागत किया फिर भारत और यूक्रेन ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसके बाद भारत और यूक्रेन ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें कृषि, खाद्य उद्योग, चिकित्सा, संस्कृति और मानवीय सहायता जैसे अहम मुद्दें हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच अधिकतर चर्चा यूक्रेन में युद्ध के संबंध में हुई।
पीएम मोदी ने कहा, साल 2021 में आपने यूक्रेन आने का निमंत्रण दिया था। कल्पना नहीं की थी कि ऐसे हालात में यूक्रेन आना होगा। पीएम ने यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत में भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी में मदद के लिए यूक्रेन का आभार जताया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत न्यूट्रल देश नहीं है। भारत का पक्ष शांति का है। मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं। बच्चों की शहादत वाली जगह देखकर मेरा मन भरा हुआ है। शांति के लिए अगर व्यक्तिगत तौर पर भी अगर मैं कुछ कर सका तो एक मित्र के नाते इसे निभाऊंगा।
पीएम ने कहा, भारत के दो दृष्टिकोण हैं। पहला मानवीय सहायता और दूसरा युद्ध से दूर रहना। इसके साथ ही पीएम ने जेलेंस्की से कहा कि मानवीय सहायता के लिए भारत सदैव यूक्रेन के साथ खड़ा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट में लिखा कि यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन की मित्रता को और गहरा करने के उद्देश्य से यहां आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की से सार्थक बातचीत हुई। भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। शांति बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।